सिर्फ 114 सेकंड में उसेन बोल्ट ने जीत लिए 9 ओलिंपिक गोल्ड मेडल

bolt19रियो डी जनीरो। लगातार तीन ओलिंपिक में तीन-तीन मेडल जीतने वाले जमैकन स्प्रिंटर उसेन बोल्ट खुद को ‘महानतम’ साबित करते हुए ओलिंपिक से विदा हो गए। बोल्ट 2008 के पेइचिंग ओलिंपिक से 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर रिले में गोल्ड जीतते आ रहे हैं और यह सिलसिला 2016 के रियो ओलिंपिक में जारी रहा। इसी के साथ बोल्ट दुनिया के दूसरे सबसे सफल ओलिंपियन बन गए। उनके आगे सिर्फ अमेरिका के माइकल फेल्प्स हैं, जिन्होंने 23 ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीते हैं। फेल्प्स भी ओलिंपिक को अलविदा कह चुके हैं।

रियो ओलिंपिक में अपने इवेंट शुरू गोने से पहले ही बोल्ट ने कहा था कि अगर वह ‘ट्रिपल ट्रिपल’ बना लेते हैं तो वह ‘अमर’ हो जाएंगे। अब जब उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया है तो उन्होंने मीडिया के सामने कहा, ‘मैं महानतम हूं।’ इस बारे में बात करते हुए बोल्ट कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि मैंने कुछ ऐसे पैमाने तय कर दिए हैं, जिन्हें कोई और नहीं छू पाएगा। मैं कभी संतुष्ट नहीं हुआ और इसी लगन की वजह से यहां तक पहुंचा हूं।’

114 सेकंड में जीत लिए 9 ओलिंपिक गोल्ड मेडल
दुनिया के सबसे तेज इंसान बोल्ट की महानता के अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो आपको बेहद रोचक लगेंगी। ओलिंपिक की अपनी फाइनल रेसों में उसेन बोल्ट ने ट्रैक पर सिर्फ 114.21 सेकंड ही दौड़े हैं। यानी बोल्ट ने सिर्फ 114 सेकंड दौड़कर नौ गोल्ड मेडल अपनी झोली में कर लिए। देखिए क्या कहते हैं आंकड़े:

114 सेकंड में पूरी दुनिया से आगे निकल गए बोल्ट
पेइचिंग 2008 लंदन 2012 रियो 2016
100 मीटर 9.69 9.63 9.81
200 मीटर 19.3 19.32 19.78
4×100 मीटर रिले 8.98 8.7 9*

*उसेन बोल्ट की नवीं रेस में उन्होंने खुद कितना वक्त लिया, इसकी घोषणा अभी तक नहीं की गई है। ऐसे में अगर मोटे तौर पर अनुमान लगाएं तो बोल्ट ने 9 सेकंड का वक्त लिया होगा।

हर 36 सेकंड में एक गोल्ड मेडल
एपी के मुताबिक अगर आप शुरुआती राउंड्स को भी जोड़ लें, तब भी बोल्ट ने ट्रैक पर सिर्फ 325 सेकंड ही बिताए हैं। यानी साढ़े पांच मिनट से भी कम वक्त। इस हिसाब से देखें तो क्वॉलिफाइंग राउंड्स को मिलाकर बोल्ट ने ट्रैक पर बिताए हर 36 सेकंड में एक गोल्ड मेडल जीता है।

मेडल टैली में अकेले कितने नंबर पर बोल्ट
अगर बोल्ट को एक देश की जगह रख दिया जाए तो पेइंचिंग ओलिंपिक में 3 गोल्ड मेडल के साथ वह 27वें नंबर पर नजर आते हैं। लंदन ओलिंपिक में तीन गोल्ड के साथ वह 26वें नंबर पर रहते और रियो ओलिंपिक में अब तक के आंकड़ों के हिसाब से 25वें नंबर पर रहते।

‘कभी नहीं सोचा था ऐसा’
नौवां गोल्ड जीतने के बाद बोल्ट ने पत्रकारों से कहा, ‘जब मैंने शुरुआत की थी, तब मुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि मैं यहां तक पहुंचूंगा। अब मैं देर तक जगूंगा और अपनी लाइफ एंजॉय करूंगा।’ बोल्ट की यह बात साफ बताती है कि यह मुकाम हासिल करने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है।

 

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