सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट, कहा- सरदारों पर जोक्स रैगिंग जैसा

sardar-jokesनई दिल्ली। ऐसे जोक्स, जो किसी सिख छात्र को कमतर या फिर बौद्धिक रूप से कमजोर बताते हों, उन्हें रैगिंग के अंतर्गत लाना चाहिए। यह कहना है एक कमिटी का, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एचएस बेदी के हाथों में है।

कमिटी का कहना है कि सरदारों पर जोक्स का प्रचलन बना हुआ है। ऐसे में अगर किसी सिख छात्र का गलत तरीके से मजाक उड़ाने वाले जोक्स करे जाते हैं, तो उन्हें रैगिंग माना जाए और ऐसा करने वाले को उच्च शिक्षा संस्थानों से बाहर का रास्त भी दिखाया जाना चाहिए।

साथ ही, कमिटी ने सुझाव दिया है कि सरदारों पर जोक्स बनाने और उनका प्रचार करने वाली वेबसाइट्स को बंद किया जाए और ऐसा करने वाले मीडिया आउटलेट्स के लाइसेंस रद्द किए जाएं। कमिटी ने यह भी कहा कि अगर फिल्मों में किसी भी तरह का नस्लीय भेद दर्शाता हुआ कॉन्टेंट मौजूद है तो उन्हें सस्पेंड करना चाहिए।
इस कमिटी को दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी द्वारा नियुक्त किया गया था। बेदी कमिटी का गठन सिख समुदाय के खिलाफ शिक्षण संस्थानों से कार्यक्षेत्र तक होने वाले नस्लीय भेदभाव के निपटने के लिए दिशा-निर्देश बनाने हेतु किया गया था। शुक्रवार को कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच भी सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर वायरल होने वाले ‘सरदार जोक्स’ के खिलाफ कई याचिकायों पर सुनवाई कर रहे हैं।

 

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