सुप्रीम कोर्ट ने IIT- JEE के दाखिलों और काउंसलिंग पर लगी रोक हटाई
नई दिल्ली। आईआईटी में दाखिले का सपना देख रहे 50 हजार छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-JEE के दाखिलों और काउंसलिंग पर लगी रोक हटा दी है. बोनस नंबर की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी में दाखिले पर पिछली सात जुलाई को रोक लगा दी थी. आज इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.
IIT-JEE counselling matter: Supreme Court vacated the stay and gave go ahead for conducting counseling for IIT-JEE
— ANI (@ANI_news) July 10, 2017
क्या है JEE एग्जाम?
JEE यानी ज्वॉइंट इंटरेंस एग्जाम से आईआईटी में दाखिला मिलता है. इस बार ये परीक्षा आईआईटी मद्रास ने आयोजित कराई थी. लेकिन इस परीक्षा में दो सवाल गलत थे, जिसके कारण सभी परीक्षार्थियों को कुल 18 बोनस मार्क्स दिए गए. पेपर एक के लिए सात और पेपर दो के लिए 11 बोनस नंबर. लेकिन इस फैसले को ऐश्वर्या अग्रवाल नाम की छात्रा ने अदालत में चुनौती दे दी थी.
दोबारा से परीक्षा करवाई जाए– याचिकाकर्ता
अर्जी में कहा गया था कि बोनस अंक उन्हें ही दिए जाएं, जिन्होंने सवाल हल करने की कोशिश की. लेकिन सवाल हल करने की कोशिश नहीं करने वालों को भी नंबर दे दिए गए. जिससे मेरिट लिस्ट गड़बड़ हो गई. अर्जी में मांग की गई है कि इस गलती को सुधार कर दोबारा मेरिट लिस्ट बनाई जाए. अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो दोबारा से परीक्षा करवाई जाए.
IIT ने दलील में ग्रेस मार्क्स को सही ठहराया
ग्रेस मार्क्स देने के पीछे आईआईटी-JEE की ओर से दलील दी गई थी कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है. इसलिए मुमकिन है कि कई छात्रों ने जवाब गलत होने के डर से अस्पष्ट छोड़ दिया हो. किसने किस वजह से सवाल छोड़ा होगा, ये पता लगाना मुश्किल है. इसलिए सभी को बोनस अंक दिए गए हैं.
33 हजार छात्र ले चुके हैं दाखिला
आईआईटी-जेईई की दलील से नाखुश होकर सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी की काउंसलिंग रोक दी है. जब काउसलिंग रोकने का आदेश हुआ तब तक 33 हजार छात्र दाखिला ले चुके थे. ग्रेस मार्क्स को लेकर छात्रों और टीचरों में भी अलग-अलग राय है. आईआईटी की तैयारी करने वाले आर के मिश्रा का कहना है कि गलत सवाल पर सभी को ग्रेस मार्क्स दिया जाना जायज है.
आईआईटी दाखिले के लिए गणित की तैयारी करवाने वाले टीचर का कहना है कि ग्रेस मार्क्स की व्यवस्था ही नहीं होनी चाहिए ग्रेस मार्क्स पर जारी बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी.
इस साल 1 लाख 72 हजार 24 छात्रों ने भरा फॉर्म
पहले JEE मेन परीक्षा होती है. जिसमें पास होने पर JEE एडवांस परीक्षा देनी पड़ती है. इस साल 1 लाख 72 हजार 24 छात्रों ने परीक्षा का फॉर्म भरा है और 1,59,540 छात्र JEE एडवांस परीक्षा में शामिल हुए हैं. जिसमें से 50,455 छात्र इसमें कामयाब हुए. जिनमें से 33 हजार छात्र आईआईटी में दाखिला ले चुके हैं.
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि संस्थान की गलती का खामियाजा 50 हजार छात्र क्यों भुगते ?
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