सुरक्षाबलों से डरकर दरगाह में छिपा यासीन मलिक, पुलिस ने गिरेबान पकड़कर किया गिरफ्तार

yasin-malikनई दिल्ली। कश्‍मीर के अलगाववादी नेता और जम्‍मू-कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ के अध्‍यक्ष यासीन मलिक को जम्‍मू-कश्‍मीर की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सुरक्षाबलों और पुलिस से बचने के लिए यासीन मलिक भागकर एक दरगाह में छिप गया था। लेकिन, पुलिस के जवान उसे वहां से खींच लाए और सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। दूसरी ओर हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारुख को भी उनके घर में ही नजरबंद किया गया है। सुरक्षाबलों और पुलिस की गिरफ्तार के डर से मीरवाइज अपने घर से ही नहीं निकला था। इन लोगों पर आरोप है कि ये लोग एक बार फिर से कश्‍मीर का माहौल खराब करना चाहते हैं। इसलिए शांति के बाद भी अलगाववादी नेता लगातार यहां पर बंद का आह्वान कर रहे हैं।

दरअसल, सोमवार को कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं ने लाल चौक चलो का आह्वाहन किया था। इस कॉल के चलते घाटी में जनजीवन काफी प्रभावित रहा। कई जगहों पर पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। अलगाववादी नेता यहां पर लोगों को भड़काकर हिंसा कराना चाहते थे। इस दौरान शहर के स्‍कूल और पेट्रोल पंप भी बंद रहे। बटमालू में फायरिंग की आवाज के बाद अफरा-तफरी देखने को मिली। दरअसल, रेक चौक, लक्षमनपुरा और शेख दावूद कॉलोनी में कुछ युवक लगातार सुरक्षाबलों पर पथराव कर रहे थे। जिस पर काबू पाने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। फायरिंग की आवाज सुनते ही इस इलाके में अफरा-तफरी मच गई है। पुलिस ने यहां पर जल्‍द ही हालात पर काबू पा लिया।

इस बीच जम्‍मू-कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्‍यक्ष यासीन मलिक भी लाल चौक जाना चाहते थे। जिसकी खबर सुरक्षाबलों और पुलिस को भी लग गई थी। दरसअल, गिरफ्तारी से बचने के लिए रात को ही यासीन मलिक मायसुमा स्थित दस्‍तगीर साहिब दरगाह में छिप गया था। लेकिन, पुलिस को इस बात की भनक लग चुकी थी। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मीरवाइज उमर फारुख ना तो खुद घर से निकलना चाहते थे और ना ही पुलिस उन्‍हें निकलने देना चाहती थी। जिसके बाद उसे घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्‍यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को भी पुलिस ने घर में ही नजरबंद कर दिया था। ताकि ये लोग घाटी का माहौल ना खराब कर सकें।

दरअसल, अलगाववादी नेताओं के लाल चौक चलो की कॉल के बाद ही इस इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी। साथ ही सुरक्षा के कड़े बंदोबस्‍त भी किए गए हैं। ताकि कश्‍मीर का माहौल खराब ना हो सके। दरअसल, पाकिस्‍तान के इशारे पर यहां के अलगाववादी नेता चाहते हैं कि कश्‍मीर में शांति बहाली ना हों। एनआईए को पहले भी इस बात के काफी सबूत मिल चुके हैं कि घाटी के अलगाववादी नेता पाकिस्‍तान के इशारे पर काम कर रहे हैं। इस बीच जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुख अब्‍दुल्‍ला भी कश्‍मीर को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। उन्‍होंने यहां के अलगाववादी नेताओं के कश्‍मीर की आजादी की लड़ाई का समर्थन किया है। उनका कहना है कि राज्‍य को सही रास्‍ते पर यहां के अलगाववादी नेता ही ला सकते हैं।

 

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