सोनभद्र में हुआ अपमान जीवन भर नहीं भूलेंगे मुलायम सिंह यादव

mulayam-sadसोनभद्र। मुलायम सिंह यादव के परिवार की फजीहत में कही न कहीं सोनभद्र का खनन घोटाला एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रहा है। जिस गायत्री प्रजापति को लेकर चाचा और भतीजा आमने-सामने आ गए उनके खनन घोटालों का गवाह सोनभद्र भी है। इसी सोनभद्र में मुलायम सिंह यादव को ऐसा अपमान भी सहना पड़ा था, जो वह कभी नहीं भूल सकते। ऐस अपमान मुलायम सिंह यादव के बाद जीवन में पहली और आखिरी बार ही हुआ था।
1991 में मुलायम सिंह यदाव ने यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए डाला की यूपी सीमेंट फैक्ट्री को डालमिया को महज 55 करोड़ रुपये में बेच दिया। इसका विरोध कर रहे कर्मचारियों को दबाने के लिये उन्होंने दो जून 1991 को गोली चलवा दी, जिसे डाला गोलीकांड के नाम से जाना जाता है। इस गोलीकांड में सीमेंट कारखाने के नौ कर्मचारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस कांड के बाद जब चुनाव हुए ता मुलायम सिंह यादव फिर चुनाव प्रचार के लिये सोनभद्र पहुंचे। जब वह डाला पहुंचे तो गोलीकांड को लेकर लोगों की नाराजगी खुलकर सामने आ गई।
उनके खिलाफ वापस जाओ और मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। जीवन में पहली बार मुलायम सिंह का ऐसा विरोध हुआ। उन पर लोगों ने सड़े अंडे और टमाटर फेंके। लोगों की नाराजगी बढ़ती देखकर साथ चल रहे लोगों ने सुरक्षा घेरा बनाकर उन्हें सुरक्षित वहां से निकाला। जानकार बताते हैं कि मुलायम सिंह का ऐसा अपमान न उसके पहले कभी हुआ था और न ही उसके बाद।
सोनभद्र में उनका दूसरा विरोध उस समय हुआ जब मुलायम सिंह यादव सोनभद्र के जिला मुख्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे। तत्कालीन कांग्रेस नेता विजय सिंह गोड़ समेत लोग पिपरी में जिला मुख्यालय का विरोध कर रहे थे। उन लोगों की मांग थी कि जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज या फिर दुद्धी में बनाया जाय। मुलायम सिंह यादव का जबरदस्त विरोध किया गया। बाद में जब मायावती की सरकार बनी तो उन्होंने 96 में जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज कर दिया।
 

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