स्कॉर्पीन लीक से भड़की फ्रेंच कंपनी ने ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के खिलाफ किया केस

‘द ऑस्ट्रेलियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक डीसीएनएस का कहना है कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी लीक्स स्कैंडल के चलते ‘गुप्त’ जानकारियों की सुरक्षा करने की उसकी योग्यता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इस बीच अमेरिका के एक सीनियर नेवी अफसर की ओर से फ्रांसीसी कंपनी की आलोचना किए जाने के बाद यूएस की चिंताएं भी सामने आई हैं। एडवर्ड स्नोडेन सरीखे लीक के इस मामले से भारत की स्कॉर्पीन सबमरीन्स की क्षमता के बारे में गोपनीय जानकारियां प्रतिद्वंद्वियों के हाथों पहुंचने का खतरा है।
French shipbuilder DCNS threatens ‘The Australian’ with legal action over Indian Navy Scorpene Submarine data leak (Source-Australian media)
— ANI (@ANI_news) 28 अगस्त 2016
इस बीच भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस लीक को कमतर करार देने की कोशिश करते हुए कहा है कि यह ‘बहुत बड़ी चिंता की बात नहीं है।’ पर्रिकर का कहना है कि लीक हुए डेटा में सबमरीन्स के सिस्टम की डिटेल नहीं हैं, इसलिए यह बहुत फिक्र की बात नहीं है। हालांकि ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के हाथ लगे सीक्रट डेटा में एसएम 39 ऐंटी-शिप मिसाइल की क्षमताओं का भी जिक्र है, जिसे संभवत: स्कॉर्पीन में इस्तेमाल किया जाना है।
डीसीएनएस के लीक डेटा में सबमरीन्स के निशाने साधने की क्षमता का भी जिक्र है। इसके अलावा उसकी लॉन्च डिटेल और फायरिंग से पहले यह कितने टारगेट्स को डाउनलोड किया जा सकता है, इसका भी ब्योरा दिया गया है। डीसीएनएस के वकील ने कहा था कि ‘द ऑस्ट्रेलियन’ से कहा है कि उनकी कंपनी लीक डेटा के भविष्य में प्रकाशन को रोकने के लिए न्यू साउथ वेल्स के सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ेगी।
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