हाईकोर्ट के आदेश के बाद नातिन को सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे बेसिक शिक्षा मंत्री

लखनऊ। सरकारी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और जजों के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने सराहना की है। रामगोविंद ने बुधवार को विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि समय आने पर वे अपनी नातिन को सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे। इस समय उनके नातिन की उम्र ढाई साल है।
बेसिक शिक्षा मंत्री हाईकोर्ट के फैसले के संदर्भ में आईएएस-आईपीएस, पीसीएस-पीपीएस एसोसिएशन और बार पदाधिकारियों के साथ ही कर्मचारी संगठनों को एक चिट्ठी लिखकर उनकी राय जानेंगे। उनका यह भी कहना है कि हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का एक अच्छा अवसर दिया है।
वहीं, बीजेपी विधान मंडल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने यह मामला उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने इस फैसले के अनुपालन के लिए सरकार को छह महीने का समय दिया है। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर सरकार कब तक कार्ययोजना बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों से चुनाव, दैवी आपदा और जनगणना के अलावा अन्य कोई काम नहीं लिया जाना चाहिए।
यूपी सरकार कराएगी कक्षा आठ तक परीक्षा
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि कक्षा एक से आठ तक परीक्षा न कराई जाए, लेकिन यूपी सरकार को यह स्वीकार नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की बात का समर्थन करते हुए बीजेपी पर समान शिक्षा का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्होंने पौने तीन लाख शिक्षकों की भर्ती की है। वहीं, उनके जवाब से असंतुष्ट बीजेपी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि कक्षा एक से आठ तक परीक्षा न कराई जाए, लेकिन यूपी सरकार को यह स्वीकार नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की बात का समर्थन करते हुए बीजेपी पर समान शिक्षा का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्होंने पौने तीन लाख शिक्षकों की भर्ती की है। वहीं, उनके जवाब से असंतुष्ट बीजेपी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
शिव कुमार की बर्खास्तगी का मामला उठा
हाईकोर्ट में बेसिक शिक्षा को लेकर रिट करने वाले शिव कुमार पाठक की बर्खास्तगी का मामला उठाते हुए बीजेपी के सुरेश खन्ना ने कहा कि जिसे पुरस्कृत किया जाना चाहिए था उसे बर्खास्त कर दंडित किया गया। उनके इस सवाल का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान छुट्टी का प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद पाठक पहले छह दिन गैरहाजिर रहे और फिर 12 दिन गायब रहे। इसके बाद फिर 12 दिन गायब रहे। नोटिस दिए जाने पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद बीएसए ने 13 अगस्त को उन्हें निकाल दिया।
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