हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने व्यापमं से जुड़े केस की सुनवाई से खुद को अलग किया

vyapam26तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय माणिकराव खानविलकर ने व्यापमं से जुड़े मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। उनकी जगह अब जस्टिस एसएस केमकर और जस्टिस केके त्रिवेदी की स्पेशल बेंच इन मामलों में सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस सुनवाई से क्यों हटे हैं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। इस बीच, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से मिली इजाजत के बाद मध्य प्रदेश एसटीएफ व्यापमं केस में नई चार्जशीट्स दायर कर सकती है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में शनिवार देर शाम जारी नए रोस्टर के मुताबिक जस्टिस खानविलकर की जगह स्पेशल बेंच व्यापमं से जुड़े केस पर सुनवाई करेगी। इससे पहले चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ही पिछले डेढ़ साल से व्यापमं से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा था भले ही जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है, लेकिन मध्य प्रदेश की एसआईटी और एसटीएफ 245 आरोपियों के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसिजर कोड के नियमों के मुताबिक आगे कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने एसटीएफ और एसआईटी को इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की इजाजत दे दी। सीबीआई ने अपनी अर्जी में कहा था कि अगर एसटीएफ और एसआईटी ने 245 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की तो उन्हें जमानत मिल सकती है। व्यापमं घोटाले से जुड़े कई हाईप्रोफाइल आरोपियों की जमानत अर्जियां मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं। इनमें मध्य प्रदेश के प्रभावशाली खनन कारोबारी सुधीर शर्मा, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओ.पी. शुक्ला और अरबिंदो हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी प्रमुख नाम हैं। लक्ष्मीकांत शर्मा और शुक्ला ने अलग-अलग आधार पर जमानत अर्जियां दायर कर रखी हैं। इन पर 19 से 24 सितंबर के बीच सुनवाई होनी है। इस मामले में मध्य प्रदेश के गवर्नर रामनरेश यादव पर दर्ज एफआईआर भी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द की गई थी।
10 स्टेटस रिपोर्ट फाइल कर चुकी है एसआईटी
व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से बनाई गई एसआईटी 10 स्टेटस रिपोर्ट फाइल कर चुकी थी। एसआईटी की मॉनिटरिंग को लेकर ही 4 सितंबर को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई है। बता दें कि मध्य प्रदेश एसटीएफ व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच कर रही थी। इस जांच को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से बनाई गई एसआईटी मॉनिटर कर रही थी। एसआईटी समय-समय पर हाईकोर्ट को जांच के बारे में स्टेटस रिपोर्ट सौंप रही थी। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और व्यापमं केस के तीन व्हिसल ब्लोअर की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली 9 जुलाई को जांच एसटीएफ से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई 13 जुलाई को जांच का जिम्मा संभाल चुकी है। 2013 में सामने आए व्यापमं घोटाले में 2000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ का मानना है कि 876 स्टूडेंट्स इस घोटाले का हिस्सा रहे हैं। घोटाले से जुड़े 40 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है। इस मामले में 55 एफआईआर दर्ज हैं और 26 चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं।
 

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