हाईकोर्ट ने कहा धार्मिक कार्यक्रमों पर किसी को कानून तोड़ने का अधिकार नहीं

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को साफ किया है कि धर्म के नाम पर आयोजित होनेवाले उत्सवों में किसी को कानून तोड़ने का अधिकार नहीं है। यह नियम सभी धर्मों पर लागू होता है। हाईकोर्ट ने ईसाई समुदाय के माउंटमैरी फेस्टिवल के दौरान होनेवाले नियमों के उल्लंघन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति वीएल अचलिया की खंडपीठ ने इन तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा-धर्म के नाम पर आयोजित होनेवाले उत्सवों में किसी को कानून तोड़ने का अधिकार नहीं है।
हमने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि फुटपाथ व सड़क पर पंडाल बनाकर किसी को भी सड़क को बंद करने का अधिकार नहीं है। यह नियम सभी धर्मों पर लागू होता है।
स्थानीय निवासी लीलिन पेस ने याचिका में कहा कि लगनेवाली अवैध दुकानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। दुकानों की बैरिकेटिंग भी नहीं की जाती है। बड़े पैमाने पर कचरा इकट्ठा होता है। इसे उठाने का इंतजाम नहीं होता है। लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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