हाईकोर्ट ने पीसीएस प्री 2016 का परिणाम संशोधित करने के दिए आदेश

highcourt-09इलाहाबाद/लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की पीसीएस प्री 2016 परीक्षा के परिणाम को संशोधित करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने पीसीएस प्री 2016 परीक्षा में पूछे गए चार प्रश्नों को हटाने (डिलिट) तथा एक प्रश्न का दो उत्तर सही मानते हुए पीसीएस प्री का संशोधित परिणाम घोषित करने के आदेश दिए हैं।

पीसीएस प्री 2016 में प्रश्नों पर आपत्ति उठाते हुए सुनील सिंह एवं अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर बहस करने वाले अधिवक्ता आलोक मिश्र ने बताया कि कोर्ट ने परिणाम संशोधन के बाद असफल होने वाले परीक्षार्थियों का अभ्यर्थन निरस्त करते हुए सफल होने वाले अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा फिर से कराने को कहा है। तब तक के लिए मुख्य परीक्षा के परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी गई है।

हाईकोर्ट ने इस संबंध में राय लेने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने 27 अक्तूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की स्पेशल बेंच ने शुक्रवार को दिन में फैसला सुनाया।

डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी समेत विभिन्न श्रेणी के 633 (तीन पद विशेष चयन) पदों के लिए पीसीएस 2016 की प्रारंभिक परीक्षा बीस मार्च को हुई थी। कुल 436413 आवेदकों में से 250696 परीक्षा में शामिल हुए थे। आयोग ने 27 मई को पीसीएस प्री का परिणाम घोषित किया था।

14615 परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल किया गया था। इलाहाबाद, लखनऊ में बनाए गए 29 केंद्रों पर 14615 में से 12897 परीक्षार्थियों ने मुख्य परीक्षा दी थी। मुख्य परीक्षा बीस सितंबर से आठ अक्तूबर तक हुई थी। प्रतियोगी छात्रों की मांग पर प्रदेश सरकार द्वारा सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट यानी सीसैट क्वालीफाइंग किए जाने के बाद पीसीएस प्री की यह पहली परीक्षा थी।

 

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