हार के बाद निकले सानिया के आंसू, कहा-पता नहीं अब अगला ओलिंपिक खेल पाऊंगी या नहीं

sania-mirza15रियो डी जनीरो। रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक के लिए टेनिस के मिक्स्ड डबल्स मुकाबले में मिली हार के कारणों को बयां करते समय सानिया मिर्जा अपने आंसुओं को छुपाने की भरपूर कोशिश कर रही थीं। उनके पास इसे बताने के लिए शब्द नहीं थे। सानिया और बोपन्ना की चौथी वरीयता भारतीय जोड़ी कांस्य पदक के मुकाबले में लुसी हरादेका और रादेक स्टेपानेक की चेक गणराज्य की जोड़ी से 1-6, 5-7 से हार गई।

सानिया 29 वर्ष की हो चुकी हैं और अपने करियर में तीन बार करियर को खत्म करने वाली गंभीर चोटों से उबरी हैं, वह बखूबी जानती हैं कि यह उनका अंतिम ओलंपिक था और उनके पास ओलंपिक पदक जीतने का यह सर्वश्रेष्ठ मौका था।
आंखों में आंसू भरे सानिया ने पत्रकारों से कहा, ‘यह कठिन था। इसके बारे में अभी बात करना आसान नहीं है। हमें इसे स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानती, यह कठिन था। ओलिंपिक चार साल में आता है। मैं नहीं जानती कि मैं चार साल बाद दोबारा टेनिस खेल पाऊंगी या नहीं।’ इस हार ने लिएंडर पेस और महेश भूपति की 2004 एथेंस में पुरुष वर्ग के मैराथन युगल कांस्य पदक मैच की याद ताजा कर दी।

सानिया ने कहा कि उन्हें इस दुख से उबरकर डब्ल्यूटीए टूर पर सिनसिनाटी टूर्नामेंट के लिए तैयार होना होगा। उन्होंने कहा, ‘टेनिस खिलाड़ी के तौर पर हम काफी भाग्यशाली होते हैं, हम सिनसिनाटी जाएंगे और हमारे पास एक और टेनिस मैच जीतने का मौका होगा। लेकिन दुर्भाग्यशाली रहे कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सके। यही खेल है। इससे उबरने में थोड़ा और समय लगेगा। हमें हार से उबरना होगा और वापसी करने की कोशिश करनी होगी।’

 

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