होलसेल मार्केट में दाल की कीमत 190 रुपये किलो

dalतहलका एक्सप्रेस

पुणे। दालों की कीमत में तेजी गुरुवार को भी जारी रही। कुछ ट्रेड एक्सपर्ट्स की मानें तो दिवाली और क्रिसमस के मौके पर तूर यानी अरहर, उड़द और मूंग की दाल ग्राहकों की पहुंच से बाहर रह सकती हैं। एक हफ्ते में दालों की थोक कीमत में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 190 रुपये प्रति किलो को पार कर गई है। ऐसे में ग्राहकों को अगले कुछ हफ्तों में 200 रुपये प्रति किलो तक दाल खरीदनी पड़ सकती है।

इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि फार्म और फूड मिनिस्टर बिहार चुनाव को लेकर इतने व्यस्त हो गए हैं कि उनका ध्यान इस मुद्दे से पूरी तरह हट गया है। फूड मिनिस्टर राम विलास पासवान ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।

सरकार ने कहा है कि इस चुनौती से निपटने के लिए वह 2,000 टन और दालों का इंपोर्ट करेगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि दालों की मांग के मुकाबले यह इंपोर्ट काफी कम है। सरकार पहले ही 5,000 टन दाल का इंपोर्ट कर चुकी है और 2000 टन जल्द भारत आने वाली है। देश की एक बड़ी दाल मिल के मालिक ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ‘अरहर की हमारी मंथली जरूरत तकरीबन 2.5 लाख टन है। सरकार की तरफ से 5,000 टन का दाल का इंपोर्ट ज्यादा से ज्यादा महाराष्ट्र जैसे राज्य की एक दिन की जरूरत पूरी करेगा।’

अरहर, मूंग और उड़द दाल की ग्लोबल कमी के कारण प्राइवेट इंपोर्टर्स को विदेशी बाजारों से पर्याप्त सप्लाई हासिल करने में दिक्कत हो रही है। प्याज के साथ ऐसा नहीं है। विदेश में प्याज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और इंपोर्ट के बाद इसके होलसेल रेट में गिरावट आई है।

पल्सेज ऐंड ग्रेन्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेजिडेंट विमल कोठारी ने बताया, ‘म्यांमार और भारत में अरहर का स्टॉक तकरीबन खत्म हो चुका है। अब अफ्रीका इस दाल का एकमात्र साधन है। हालांकि, भारत जैसे बड़े मुल्क की मांग पूरी करने में अफ्रीका का स्टॉक सक्षम नहीं है। अरहर की कीमत में दिसंबर तक तेजी बनी रहेगी। इसके बाद इसकी स्थानीय फसल की कटाई शुरू होगी।’ दालों के एक इंपोर्टर और प्रोसेसर ने बताया कि सरकार इस मामले में देर से हरकत में आई। उन्होंने कहा, ‘दालों का इंपोर्ट करने का सरकार का फैसला देर से आया। अब वह ऊंची कीमत पर भी इंपोर्ट करने में सक्षम नहीं है, क्योंकि हर जगह दाल की किल्लत है।’

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button