अब चीन को ध्यान में रखकर परमाणु जखीरा डेवलप कर रहा भारत: अमेरिकी विशेषज्ञ

वाशिंगटन। भारत अब चीन को ध्यान में रखते हुए अपने परमाणु जखीरे और परमाणु रणनीति को लगातार डेवलप कर रहा है. यह बात अमेरिका के दो सीनियर परमाणु विशेषज्ञों ने कही है.

ऑनलाइन मैगजीन ‘आफटर मिडनाइट’ के जुलाई-अगस्त अंक में छपे एक लेख में इन विशेषज्ञों ने कहा कि पहले भारत का ध्यान पाकिस्तान पर केंद्रित था, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि इसका जोर कम्युनिस्ट देश की तरफ ज्यादा है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि भारत अब एक ऐसी मिसाइल बना रहा है, जो दक्षिण भारत के अपने बेस से पूरे चीन को निशाना बना सकती हैं.

इंडियन न्यूक्यिर फोर्स 2017 शीर्षक वाले अपने लेख में हान्स एम क्रिस्टिनसन और रॉबर्ट एस नॉरिस ने लिखा है, ‘एक अनुमान के मुताबिक, भारत के पास 150 से 200 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्लूटोनियम है, लेकिन संभवत: उसने 120 से 130 एटमी आयुध का ही निर्माण किया है. दोनों विशेषज्ञों ने दावा किया है कि परंपरागत रूप से पाकिस्तान पर आधारित भारत की परमाणु रणनीति में अब चीन पर ज्यादा जोर दिया जाने लगा है.

इस लेख में कहा गया है, भारत का ध्यान पारंपरिक रूप से पाकिस्तान से अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु आयुध विकसित करने पर रहा है, लेकिन उसका परमाणु आधुनिकीकरण इसका संकेत है कि वह चीन के साथ भविष्य के सामरिक संबंधों पर ज्यादा ध्यान दे रहा है.

इन अमेरिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत के पास सात परमाणु सक्षम प्रणाली हैं. इनमें दो विमान, जमीन से संचालित होने वाली चार बैलेस्टिक मिसाइल और समुद्र से मार करने में सक्षम एक बैलेस्टिक मिसाइल हैं. लेख में कहा है कि कम से कम चार और सिस्टम पर काम चल रहा है. उन्हें तेजी से विकसित किया जा रहा है. उनके अलगे दशक तक तैनात होने की संभावना है.

 

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