आजादी के बाद PAK के हमले के दौरान नेहरू ने कश्मीर में मांगी थी RSS से मदद: उमा भारती

भोपाल। हाल ही में समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने प्रमुख मोहन भागवत के बयान के कारण काफी चर्चा में है. इस बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज दावा किया है कि आजादी के कुछ ही समय बाद जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस से मदद मांगी थी.

उन्होंने सेना को लेकर आरएसएस प्रमुख द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के बीच यह दावा किया. हालांकि, उमा ने भागवत की टिप्पणी पर सीधा सीधा कुछ कहने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कश्मीर के राजा महाराजा हरि सिंह संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे और शेख अब्दुल्ला ने हस्ताक्षर करने के लिए उनपर दबाव डाला.

उन्होंने कहा कि नेहरू दुविधा में थे और फिर पाकिस्तान ने एकाएक हमला कर दिया और उसके सैनिक उधमपुर की तरफ बढ़ने लगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उस समय नेहरूजी ने गुरू गोवलकर (तत्कालीन आरएसएस प्रमुख एम एस गोवलकर) आरएसएस के स्वयंसेवकों की मदद मांगी, आरएसएस स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे.’’

प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं वार

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा में अपने भाषण के दौरान जवाहर लाल नेहरू की कश्मीर नीति पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि अगर सरदार पटेल देश के प्रधानमंत्री होते तो कश्मीर पाकिस्तान के पास नहीं जाता.

बता दें कि बीते रविवार को बिहार के मुज्जफरपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे. स्वयंसेवकों की कुव्वत का बखान करते हुए संघ प्रमुख ये भी कह गए कि सेना को तैयार होने में 6-7 महीने लग जाएंगे, लेकिन हम दो से तीन दिन में ही तैयार हो जाएंगे, क्योंकि हमारा अनुशासन ही ऐसा है. भागवत के इस बयान के बाद से ही विपक्षी पार्टियों के निशाने पर संघ है.

 

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