उन्नाव गैंगरेप केस: 3 जुलाई को हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी CBI

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्नाव गैंगरेप केस में कल सुनवाई के बाद अगली तारीख 3 जुलाई तय की है. कोर्ट ने सीबीआई को अगली तारीख तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इससे पहले अदालत ने 21 मई को इस मामले में उन्नाव में पॉक्सो कानून के तहत सुनवाई पर रोक लगा दी थी. इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं.

यूपी सरकार के वकील ने कोर्ट को सूचित किया था कि इस मामले की सुनवाई उन्नाव से लखनऊ स्थानांतरित होगी. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले को उन्नाव से लखनऊ स्थानांतरित करने के लिए इस अदालत के मुख्य न्यायाधीश की सहमति लेने के उद्देश्य से पत्र जारी किया है. एक मामले की सुनवाई पहले ही सीबीआई कोर्ट में चल रही है.

दूसरे मामले में सुनवाई पॉक्सो कानून के तहत उन्नाव में सुनवाई चल रही थी. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 3 जुलाई तय की है. मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने इस अदालत के एक अधिवक्ता द्वारा लिखित पत्र को स्वतः संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

बताते चलें कि इस केस में बीजेपी विधायक और उनके सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सीबीआई की जांच में कुलदीप सेंगर के कई और सहयोगियों के नाम उजागर हो चुके हैं. सीबीआई ने पीड़िता के चाचा से जून 2017 से अब तक के घटनाक्रमों की लिखित जानकारी मांगी है. विधायक के अन्य सहयोगियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

इससे पहले पीड़िता की मांग पर बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. पीड़िता की तरफ से बीजेपी विधायक को उन्नाव जेल से शिफ्ट करने के लिए हाई कोर्ट में भी अपील दायर की थी. पीड़िता ने अपील की थी कि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से उसकी और उसके परिवार को खतरा है.

विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप

गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.

पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप

पीड़िता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए. पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.’

पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां

पीड़िता के पिता को पुलिस हिरासत में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां हुई थीं. इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान अगले दिन ही उसकी मौत हो गई. मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी. मृतक के परिजन ने बीजेपी विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.

 

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