उपचुनाव में BJP को हराने के बाद कांग्रेस-बसपा का ‘महाप्‍लान’, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में साथ लड़ेंगे चुनाव

नई दिल्‍ली। एक महत्‍वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में बीएसपी और कांग्रेस राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने को तैयार हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस बीएसपी के लिए 30 सीट छोड़ेगी. वहीं राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़ में सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के वरिष्‍ठ नेताओं के बीच शुक्रवार (1 जून) को चर्चा हो रही है. बीएसपी यूपी में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. हालांकि अभी गठबंधन को लेकर तस्‍वीर साफ नहीं है. लेकिन दोनों दलों ने पहले फूलपुर और गोरखपुर में साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इसके बाद कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी रालोद प्रत्‍याशी तबस्‍सुम हसन का समर्थन किया था. तबस्‍सुम ने वहां बीजेपी उम्‍मीदवार मृगांका सिंह को 55 हजार वोटों से ज्‍यादा के अंतर से चुनाव हराया था. इससे पहले कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़े दल के रूप में सामने आने के बाद भी मुंह की खानी पड़ी थी.

बीजेपी को पीछे धकेल रहा विपक्ष का गठबंधन
2014 के लोकसभा चुनावों में मायावती को एक भी सीट नहीं मिली थी. 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीएसपी सिर्फ 19 सीटों पर सिमट कर रह गई. सपा का भी हाल बुरा था. इसके बाद दोनों दलों ने बीजेपी के खिलाफ साथ आने का फैसला किया. इससे उत्तर प्रदेश के इन दो बड़े राजनीतिक दलों को गठबंधन वाला भविष्य फिर से दिखने लगा है. इस गठबंधन में कांग्रेस और आरएलडी के अजित सिंह भी शामिल होना चाहते हैं. इसलिए ये सवाल भी है कि क्या लोकसभा चुनावों में ये चारों पार्टियां उत्तर प्रदेश में गठबंधन बना पाएंगी. और क्या इससे बीजेपी की सेहत पर कोई असर पड़ेगा? 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी और अपना दल के गठबंधन को उत्तर प्रदेश में 73 सीटें मिली थीं. दूसरी तरफ कांग्रेस को 2 और समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5 सीटें मिली थीं. मायावती और अजित सिंह की झोली खाली थी. लेकिन अगर इन चारों ने मिलकर चुनाव लड़ा होता, तो बीजेपी को 80 में से सिर्फ 22 सीटें ही मिलतीं.

2017 में यह रहा था वोटों का गणित
2017 में हुए यूपी के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 39.67% वोट मिले जबकि बीएसपी को 22.23% और एसपी को 21.82% वोट. अगर इन दोनों दलों ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा होता, तो वोट 44.05% वोट होते. यानी बीजेपी से 4.38% ज़्यादा वोट. अब 2019 में किन-किन राज्यों में विपक्ष बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो सकता है. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे. यहां कांग्रेस और एनसीपी साथ लड़ सकते हैं और अगर शिवसेना भी साथ आ गई, तो बीजेपी के लिए मुश्किल होगी. यही हाल अन्‍य राज्‍यों में भी है जहां विपक्ष गठबंधन कर सकता है.

 

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