दिल्ली में साथ चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस-AAP? गठबंधन से पहले ही भिड़े माकन-दिलीप पांडेय

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विजय रथ पर सवार बीजेपी को रोकने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कवायद में जुटा है. विपक्ष को इसमें जीत का मंत्र भी मिलता दिख रहा है. उपचुनावों में महागठबंधन की जीत से कांग्रेस उत्साहित भी है. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि कांग्रेस दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में उसके साथ गठबंधन करने की कोशिश में है. हालांकि दोनों पार्टी के नेताओं के बीच तल्ख तेवर इस कयास को खटाई में डाल रहे हैं.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की 7 में से 5 लोकसभा सीटों के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिया और पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली सीटों पर आम आदमी पार्टी ने प्रभारी नियुक्त नहीं किया जिससे यह कयास लगाए जाने लगे कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना तलाशते हुए पार्टी ने यह दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं.

दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हमला बोलते हुए लिखा कि जब दिल्ली के लोग लगातार केजरीवाल की सरकार को नकार रहे हैं ऐसे में कांग्रेस उन्हें बचाने के लिए क्यों आगे आएं? माकन ने लिखा, ‘आखिरकार केजरीवाल और उनकी टीम अन्ना को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही मदद की थी जिससे मोदी को सत्ता में आने में मदद मिली थी.’

आप और कांग्रेस के बीच पर्दे के पीछे चल रही बातचीत का खुलासा आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने अजय माकन को जवाब देते हुए कर दिया. दिलीप पांडे ने माकन के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, ‘कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता ‘आम आदमी पार्टी’ के संपर्क में हैं, और वे हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में हमारा सहयोग चाहते हैं. दिल्ली में हमसे वे एक सीट मांग रहें है.’

बता दें कि कर्नाटक में एचडी कुमारास्वामी के शपथ ग्रहण से पहले ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के उच्च नेतृत्व के बीच बातचीत के कयास लगाए गए थे. आप सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टी के आला नेतृत्व में बातचीत के बीच शरद यादव और सीताराम येचुरी एक बड़ी भूमिका निभा रहे थे.

हालांकि दिल्ली में कांग्रेस यह नहीं दिखाना चाहती कि आप के साथ गठबंधन की पहल वह कर रही है वहीं आम आदमी पार्टी भी यह नहीं दिखाना चाहेगी कि कांग्रेस के साथ गठबंधन की पहल वह कर रही है. आम आदमी पार्टी नेतृत्व में बड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच इस बारे में बातचीत की शुरुआत हुई है लेकिन गठबंधन या आपसी तालमेल की स्थिति और तस्वीर क्या होगी इस पर अभी तक औपचारिक बातचीत या फैसला नहीं हो पाया है?

फिलहाल दिल्ली में केजरीवाल के पास 70 विधानसभा सीटों में 66 विधायक हैं और दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी नंबर दो की स्थिति में है. वहीं कांग्रेस दिल्ली विधानसभा में शून्य पर है और दिल्ली नगर निगम में तीसरी पायदान पर है.

सूत्रों के मुताबिक 2019 के चुनाव में अगर वह बीजेपी को सीधे-सीधे चुनौती देती है तो कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी के लिए वोट काटने वाला फैक्टर बन सकता है और ऐसे में बीजेपी को फायदा मिल सकता है. आम आदमी पार्टी देशभर में गैर बीजेपी दलों के एक साथ आने की भूमिका में वह अलग-थलग नहीं पड़े रहना चाहती. बीजेपी को हराने के लिए वह क्षेत्रीय दलों के महागठबंधन का हिस्सा जरूर बनेगी.

ऐसे में दिल्ली में तीसरे स्थान पर खड़ी कांग्रेस कहीं आपके वोट बैंक को नुकसान ना पहुंचाएं इसलिए वह कांग्रेस के साथ किसी तरह का तालमेल या गठबंधन की स्थिति से इनकार नहीं कर रही है. लेकिन सवाल यह है कि जब दोनों पार्टी के नेताओं के बीच तल्खियां इतनी तेज हो तो फिर दिल्ली में इनके दिल कैसे मिलेंगे?

 

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