कर्नाटक में कांग्रेस और इस ‘बस’ का है खास नाता, सिर्फ विधायकों के लिए होता है इसका इस्तेमाल

नई दिल्ली। 15 मई को जब से कर्नाटक विधानसभा के नतीजे आए हैं, तब से कांग्रेस ने अपने खेमे में टूट से बचने के लिए विधायकों की घेराबंदी कर रखी है. पहले उसने अपने सभी विधायकों को एक रिसॉर्ट में रखा. फिर बाद में सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें हैदराबाद भेज दिया. लेकिन इस दौरान एक चीज सबसे खास रही, वह थी इन विधायकों को लाने ले जाने वाली बस. शर्मा ट्रांसपोर्ट की ये बस इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है.

कांग्रेस ने इसी बस से अपने विधायकों को हर जगह भेजा. इसके पीछे की कहानी देखें तो पता चलता है कि कांग्रेस का इस ट्रांसपोर्ट से पुराना नाता है. दरअसल इस शर्मा ट्रांसपोर्ट की स्थापना राजस्थान मूल के धनराज पारसमल शर्मा ने की थी. दक्षिण भारत में ये ट्रेवल्स बड़ा नाम है. इस परिवार की कांग्रेस के साथ करीबी रही है. धनराज पारसमल की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के साथ साथ पीवी नरसिम्हा राव से भी करीबी रही. उन्होंने बेंगलुरु में उस जमाने में लग्जरी बसों का ट्रांसपोर्ट शुरू किया, जब बहुत कम लोग इस बारे में जानते थे.

धनराज पारसमल शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर 1998 लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. हालांकि अनंत कुमार के खिलाफ वह हार गए थे. 2001 में धनराज शर्मा की मृत्यु हो गई. अब उनका ट्रांसपोर्ट का बड़ा कारोबार उनके बेटे संभालते हैं. जिस तरह से कर्नाटक का ईगलटन रिसॉर्ट चर्चा में रहा, उसी तरह इस पूरे घटनाक्रम में ये बस भी चर्चा का विषय बनी रहीं.

राज्य विधानसभा के 12 मई को 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. भाजपा का यह आंकड़ा सरकार बनाने के लिए 112 से आठ कम है.  कांग्रेस व जनता दल (सेक्युलर) ने चुनाव के बाद गठबंधन बनाया है. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 78 व जेडीएस को 37 सीटें मिली हैं.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button