कर्नाटक में JDS-कांग्रेस सरकार का पहला बजट, क्या किसानों को मिलेगी कर्ज माफी?

बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी गुरुवार को अपना पहला बजट पेश करेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की जाएगी. विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इसका ऐलान किया था.

किसानों को कर्जमाफी की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर विश्वास जताया था कि सरकार अपने चुनावी वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ करेगी और यहीं से पूरे देश के किसानों के लिए उम्मीद पैदा होगी.

Rahul Gandhi

@RahulGandhi

On the eve of the Karnataka Budget, I’m confident our Congress-JDS coalition Govt will act on our commitment to waive farmer loans & to make farming more profitable.

This budget is an opportunity for our Govt. to make Karnataka a beacon of hope for farmers all across India.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘कर्नाटक में बजट की पूर्व संध्या पर मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार किसानों की कर्जमाफी करने और खेती को अधिक मुनाफे का काम बनाने के हमारे वादे को पूरा करेगी. उन्होंने कहा, ‘यह बजट पूरे देश के किसानों की खातिर कर्नाटक को आशा की किरण बनाने के लिए हमारी सरकार के पास एक अवसर की तरह है.’

घोषणापत्र में किया था ऐलान

कुमार स्वामी सुबह 10.30 बजे से बजट पेश करना शुरू करेंगे. सबकी नजर इस बात पर है कि मुख्यमंत्री सिर्फ कॉपरेटिव बैंकों से लिए कर्ज माफ करेंगे या सभी बैकों से मिले किसानों के ऋण माफ करते हैं. किसानों की मांग है कि उनके कर्ज एक ही बार में माफ कर दिए जाएं और किस्तों में इसे निपटाने की झंझट न रखी जाए.

राज्य कृषि विभाग के मुताबिक कर्नाटक में सूखे की बदहाली के चलते तकरीबन 2,525 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. कुमारस्वामी का यह पहला बजट होगा और जेडीएस ने अपने अपने घोषणापत्र में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी.

राजकोषीय व्यवस्था पर असर

एक अनुमान के मुताबकि राज्य में 53,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाना है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कांग्रेस-जेडीएस सरकार अपना वादा पूरा करती है तो इससे राज्य की राजकोषीय व्यवस्था प्रभावित होगी. इससे पहले सत्तारूढ़ रही कांग्रेस ने भी 8,165 करोड़ रुपये किसानों का कर्ज माफ किया था जिससे 22,27,506 किसानों को लाभ मिला था. लेकिन पूर्व की कांग्रेस सरकार के इस फैसले से सिर्फ उन्हीं किसानों को फायदा मिल पाया था जिन्होंने सहकारी बैंकों से 50,000 से 20 जून 2017 तक कर्ज लिया था.

 

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