कश्मीर में स्थानीय लोगों पर आतंकवादियों को भागने में मदद करने का दबाव: CRPF

श्रीनगर। आतंकवादियों के मददगारों को लेकर आर्मी चीफ के बयान के एक दिन बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में कुछ ऐसे इलाके हैं जहां स्थानीय लोगों पर आतंकवादियों का दबाव है कि वे भागने में उनकी मदद करें। इस वजह से आतंकवाद निरोधक अभियानों को नुकसान पहुंच रहा है। सीआरपीएफ के आईजी (ऑपरेशन्स) जुल्फिकार हसन ने कहा कि सुरक्षा बल भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बेहद संयम से कार्रवाई करते हैं ताकि कोई अतिरिक्त नुकसान न हो और वहां के निवासी आतंकवादियों की धमकियों के आगे घुटने न टेकें।

CRPF के शीर्ष अधिकारी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को ही कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने वालों को आतंकवादियों का सहयोगी समझा जाएगा। अब CRPF के आईजी की टिप्पणी के बाद यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या सेना और सीआरपीएफ का रुख इस मामले पर अलग-अलग है?

CRPF के आईजी जुल्फिकार हसन ने कहा, ‘हालिया अभियानों में सुरक्षा बलों के मारे जाने की घटनाएं भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हुई हैं और सुरक्षा बल संयम बरतते हुए अभियान चलाते हैं ताकि कोई अतिरिक्त क्षति नहीं हो, लेकिन भीड़ इस घेरेबंदी को तोड़कर आतंकवादियों को भागने में मदद करती है। हसन ने कहा, ‘यह कश्मीर के कुछ खास इलाकों में हो रहा है और ग्रामीण और स्थानीय लोग आतंकवादियों के दबाव में आकर ऐसा करते हैं।’

आईजी ने कहा कि मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को पथराव का भी सामना करना पडता है और इन सब से ‘अभियान को नुकसान’ पहुंचता है। उन्होंने कहा, ‘मैं स्थानीय लोगों से कहना चाहता हूं कि वे आतंकवादियों के दबाव में नहीं आएं। हम लोग बेहद संयम बरत रहे हैं ताकि भीड़ को कोई अतिरिक्त क्षति न पहुंचे, लेकिन यही हमारी समस्या बढ़ाता है। हम लोग अभियान को बेहतर तरीके से अंजाम देने की लगातार कोशिश कर रहे हैं ताकि वहां मौजूद लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।’

 

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