कहीं गिफ्ट में न मिल जाए निपाह वायरस

निपाह वायरस का खौफ इन दिनों पूरे राष्ट्र में फैला हुआ है हर शख्स इन दिनों इस बात से डरा हुआ है कि कहीं वह निपाह वायरस का शिकार न बन जाए आलम यह है कि खांसी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द जैसी बीमारियों को ज्यादा गंभीरता से न लेने वाले लोग भी आजकर डॉक्‍टर के पास जाकर पूछ रहे हैं कि उनकी बीमारी की वजह कहीं निपाह वायरस तो नहीं हैं निपाह वायरस को लेकर सभी डाक्टर्स ने माना है कि इस वायरस के चलते पनपने वाली बीमारी खतरनाक है वायरस के मामले में सही समय पर पता लगाने की तकनीक  सही इलाज न होने की वजह से भी लोग ज्यादा भयभीत हो रहे हैं वहीं, राष्ट्र के कुछ भागों में निपाह वायरस से कुछ लोगों की मौतों ने भी लोगों के दिल में इस खौफ को बढा दिया है निपाह वायरस से होने वाली बीमारी को लेकर हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुरनजीत चटर्जी से वार्ता की आइए जानिए डॉ सुरनजीत सिंह का निपाह वायरस को लेकर क्या कहना है

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इंफेक्शन को एक स्थान रोक पाना हुआ मुश्किल
डॉ सुरनजीत चटर्जी के अनुसार, उपचार उपलब्ध न होने की वजह से निपाह वायरस के चलते फैलने वाली बीमारियां बेहद खतरनाक हो गई हैं ऐसा नहीं है कि केरल में फैले इस वायरस को राष्ट्र में पहली बार देखा गया है इससे पहले भी असम  बंगाल में यह वायरस फैल चुका है, तब हमने इस वायरस के चलते होने वाली बीमारियों को समय रहते नियंत्रित कर लिया था आजकल थोड़ी सी मुसीबत यह है कि लोग बहुत तेजी से एक स्थान से दूसरी स्थान यात्रा कर रहे हैं लिहाजा, इस बात की आसार बढ़ गई है कि केरल से दूसरे राज्यों या शहरों में जो लोग फ्रीक्वेंटली यात्रा करते हैं, वह इस वारयस को राष्ट्र के दूसरे राज्यों तक भी पहुंचा दें इसी मुसीबत के चलते इस बीमारी को एक स्थान कंटेन कर पाना थोड़ा कठिन हो गया है यदि हम इस कठिन को दरकिनार कर दें तो मौजूदा दौर में हास्पिटल पहले से कहीं बेहतर इक्यूप्ड हैं  वह इस वायरस से फैलने वाली बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं

सिक्रीशन से फैलता है निपाह वायरस
डॉ सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि निपाह वायरस एक वायरल इंफेक्शन होता है, जिसे हम मेडिकल की भाषा में जुनॉटिक डिसीज बोलते हैं जुनॉटिक डिसीज का मतलब है कि यह जानवरों से आदमियों में ट्रांसमीट हो सकता है लेकिन, यह भी देखा गया है कि यह इंफेक्शन आदमी से भी आदमी में ट्रांसफर हो रहा है लिहाजा, निपाह वायरस से इंफेक्टेड आदमी बेहद तेजी से दूसरे आदमी तक इस इंफेक्शन को फैला सकता है उन्होंने बताया कि यह इंफेक्शन सुअर  चमगादड़ जैसे जानवरों के जरिए तेजी से ट्रांसफर हो सकता है ज्यादातर यह देखा गया है कि जो लोग या फामर्स सुअर के संपर्क में आते हैं, उन लोगों में यह इंफेक्शन पाया जाता है वहीं सुअर को खाने वाले लोगों में इस वायरस के पहुंचने की सर्वाधिक संभावनाएं पाई जाती हैं इसी तरह, चमगादड़ अपने सिक्रीशन के जरिए इस इंफेक्शन को बेहद तेजी से फैलाते हैं यदि किसी चमगादड़ ने पेड़ में लगे फल को खाया है तो उस फल में यह वायरस पहुंच जाएगा ऐसे में इंफेक्टेड हो चुके फल का सेवन करने वाला शख्स भी निपाह वायरस की चपेट में आ सकता है ऐसे में निपाह वायरस की चपेट में आया शख्स अपनी बॉडी  सिक्रीशन के जरिए दूसरे लोगों तक इस वायरस को पहुंचा सकते हैं

आपमें हैं यह लक्षण तो तुरंत करें अपने डाक्टर से संपर्क
डॉ सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि निपाह वायरस के लक्षण दूसरे वायरस के जैसे ही होते हैं इसमें लोगों को बुखार होगा, बदन में दर्द होगा, सर दर्द होगा, खांसी होना शामिल है कई बार इस वायरस से इंफेक्टेड लोगों की सांस फूल सकती है सही समय पर मरीज को सही इलाज नहीं मिला तो यह वायरस ब्रेन को भी इफेक्ट कर सकता है, जिसके चलते लोग बेहोशी या कोमा में भी जा सकते हैं लिहाजा, इन लक्षणों को लेकर लोगों को बेहद सतर्क रहना है उन्होंने बताया कि इसकी टेस्टिंग बहुत कॉमन नहीं होती है राष्ट्र के लभगभ सारे इंस्टीटयूट अभी इस वायरस को टेस्‍ट करने के लिए इक्विप्ड नहीं हैं लिहाजा, इस वायरस को पता लगाने के लिए ब्लड सैंपल्स को पुणे स्थित इंस्टीट्रयूट में भेजना पडता है जिसके चलते रिपोर्ट आने में अक्‍सर देरी का भी सामना करना पड़ता है निपाह वारयस को लेकर यह भी एक कठिनाई का विषय है

 

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