किसानों पर पुलिस के गोली चलाने का अभी तक नहीं मिला कोई सबूत, इसमे कही कांग्रेस का हाथ तो नहीं…………!

मंदसौर फायरिंग में 5 किसानों की मौत, M P बंद का आवाह्न कर कांग्रेस का रोटियाँ सेकना शुरू

मंदसौर। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में एक जून से किसान फ़सलों के उचित मूल्य और क़र्ज़ माफ़ी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को उग्र हुए किसानों पर फायरिंग हुई जिसमे 5 किसानों के मरने का समाचार है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले में न्यायिक जांच का आदेश दे दिया है और मृतकों के परिजनों को एक एक करोड़ का मुआवज़ा देने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी बयान दिया कि पुलिस या सीआरपीएफ की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई। मृतकों पर गोली कैसी चली, प्रशासन इससे अनभिज्ञ होता दिख रहा है। कलेक्टर ने बताया कि पुलिस को आंदोलन कर रहे किसानों पर किसी भी स्थिति में गोली नहीं चलाने के आदेश दिए गए थे। पुलिस ने न तो गोली चलाई और न ही गोली चलाने के आदेश दिए। तीन लोगों की मौत की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। मृतकों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जा रही है, इसके बाद ही उनकी मौत का सही कारण मालूम हो सकेगा।किसान आंदोलन हिंसक होने के कारण प्रशासन ने पिपल्या मंडी पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। इसके साथ ही ज़िले के अन्य इलाक़ों में निषेधात्मक आदेश लागू किया गया है।मंदसौर ज़िला कलेक्टर के अनुसार ज़िले के पिपल्यामंडी पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है तथा ज़िले के शेष पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू की गई है।

ऐसी किसी भी घटना के घटित होते ही सरकार तथा प्रशासन का दायित्व हो जाता है कि वहाँ तुरंत अमन चैन व  शान्ति स्थापित की जाये।प्रमुख राजनीतिक पार्टियों का भी सबसे बड़ा दायित्व  यही हो जाता है।देश मे 65 साल सत्ता का सुख भोगने वाली कांग्रेस पार्टी सत्ता से हटने के बाद ऐसे सभी मामलों में आग में घी डालने का काम करती आ रही है।केरल में गाय काटने का मामला हो,सहारनपुर हिंसा या काश्मीर मुद्दा कांग्रेस कोई सार्थक काम न करके सरकार का विरोध करते ही दिखाई देती है।

जम्मू कश्मीर से कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने तो लखनऊ में वितरित की गई एक पुस्तक में कश्मीर को भारत का अधिगृहित अंग तक बता दिया-इससे देश के प्रति कांग्रेस की मानसिकता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। मंदसौर कांड पर कांग्रेसियो के बयान भी सुनने वाले है-

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि ‘सरकार हमारे देश के किसानों से युद्ध लड़ रही है।’

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजय सिंह ने इस घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफ़े की मांग करते हुए कहा कि यह घटना मुख्यमंत्री के लिए शर्मनाक है क्योंकि वह स्वयं को किसान का बेटा होने का दावा करते हैं। सरकार अब किसानों की आवाज़ दबाने के लिये गोलियां का प्रयोग कर रही है। मुख्यमंत्री चौहान को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

मंदसौर में लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों की एक जांच समिति गठित की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव कल मंदसौर में पीडि़तों के परिजन से मुलाकात करेंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज 7 जून को घटना के विरोध में मध्य प्रदेश बंद का आह्वान किया है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों की समस्याओं का बातचीत से हल निकालने के बजाय इससे निपटने के लिए गोलियों का रास्ता अपनाया। प्रदेश के इतिहास में यह काला दिन है, यह शर्मनाक है कि प्रदेश सरकार किसानों आंदोलन का बलपूर्वक दमन कर रही है जबकि किसानों की मांगे जायज हैं।

इधर यू पी में कांग्रेस के लोकप्रिय माने जाने वाले नेता प्रमोद तिवारी भी इससे अछूते नही रहे।अपने एक बयान में उन्होंने भी गोली कांड की भर्त्सना करते हुये शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की बात कर दी।प्रमोद तिवारी यहां तक बोल गये की भाजपा सरकार पूंजीपतियों को कर्ज और किसानों को मौत बाँट रही है।

ज्ञात हो कि पांच जून को किसानों ने मध्य प्रदेश सरकार पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप लगाया था, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ (आरकेएमएस) ने कहा कि वह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 10 जून तक सूबे में किसानों का आंदोलन जारी रखेगा। आरकेएमएस की इस घोषणा के बाद 10 दिवसीय आंदोलन को लेकर किसान संगठनों की फूट पड़ गई है।

आरकेएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने कहा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार जून की शाम उज्जैन में कुछ आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ बातचीत में जो आश्वासन दिया है, हम उससे कतई संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए हम अपना आंदोलन 10 जून तक जारी रखेंगे।

 

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