किस आयु में कौन-सी जांच करानी जरूरी

नई दिल्ली: आज मतलब कि 7 अप्रैल को विश्व सेहत दिवस है आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के सामने कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं आती रहती हैं दूसरे शब्दों में आयु बढ़ने के साथ-साथ बॉडी में कई तरह के परिवर्तन आते हैं, या फिर यूं कहें कि बॉडी निर्बल होता जाता है इसके लिए नियमित व्यायाम नहीं करना, बॉडी को महत्वपूर्ण आराम नहीं देना, नियमित खानपान में असंतुलन जैसे कई कारण हो सकते हैं हालांकि अगर हम अपने दैनिक ज़िंदगी में कुछ चीजों का खयाल रखें तो खुद को कई सारी बिमारियों से दूर रखा जा सकता है इसके लिए महत्वपूर्ण हो तो बस नियमित सेहत जांच (हेल्थ चेकअप) की आइए आज जानते हैं कि किस आयु में कौन-कौन सी जांच नियमित तौर पर करानी चाहिए

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20 वर्ष की उम्र – हर वर्ष रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), कद (हाइट)  वजन की जांच करानी चाहिए वर्ष में एक बार दांतों  आखों की जांच करानी चाहिए हर दो वर्ष में एचआईवी की स्क्रीनिंग भी करानी चाहिए हर पांच वर्ष में कोलेस्ट्रॉल की जांच भी करानी चाहिए

30 वर्ष की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अलावा मधुमेह (डाइबिटीज), थायरॉयइड से जुड़े रोग, एनिमिया  लिवर की तकलीफ के लिए खून की जांच करानी चाहिए वर्ष में एक बार दिल से संबंधित बीमारियों की भी जांच करानी चाहिए

40 वर्ष की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अलावा हर पांच वर्ष में एक बार कार्डियोवरकुलर इवैल्यूएशन कराना चाहिए वर्ष में एक बार प्रोस्टेट कैंसर की जांच भी करानी चाहिए

50 वर्ष की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अलावा हर वर्ष एक बार टाइप टू मधुमेह (डाइबिटीज) की जांच, हर वर्ष आंख  कान की जांच, इसके अतिरिक्त हर वर्ष मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) की जांच, लिपिड डिसऑर्डर की जांच

60 वर्ष की उम्र – ऊपर लिखे गए जांच के अतिरिक्तऑस्टियोपोरोसिस के लिए हर वर्ष स्क्रीनिंगइसके अतिरिक्त डिमेंशिया  अलजाइमर की भी हर वर्ष जांच करानी चाहिए

बैठे रहने की जीवनशैली से कमर दर्द बनी आम समस्या
इन दिनों ज्यादातर बैठे रहने की जीवनशैली, बैठने-उठने के गलत तरीके  व्यायाम न करने के कारण कमर दर्द एक आम समस्या बन गई है यह समस्या अब न केवल आयु से जुड़ी है बल्कि इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी तकलीफदेह साबित हो रही है इंडस हेल्थ प्लस की प्रीवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट कंचन नायकवाड़ी का कहना है हालांकि, कमर का दर्द कष्टकारी  असहज करने वाला हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह गंभीर नहीं होता है कमर का दर्द इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी पीठ की हड्डियां, मांसपेशियां  लिगामेंट्स किस तरह कार्य करते हैं किस तरह एक-दूसरे से जुड़े होते हैं

कंचन के मुताबिक, वयस्कों में कमर दर्द हर दिन की गतिविधियों या बैठने-उठने के गलत उपायों के परिणामस्वरूप हो सकता है जैसे, कंप्यूटर के प्रयोग करने के दौरान सही तरीके से नहीं बैठना, अजीबोगरीब तरीके से मुड़ना, किसी सामान को धक्का देना या खींचना या उठाना  लंबे समय तक खड़े रहना आदि   कंचन ने बोला कि शारीरिक व्यायाम, बॉडी का सही पॉश्चर, स्वस्थ आहार, सोने का सही तरीका, मानसिक तनाव को कम करना, धू्म्रपान न करना  जीवनशैली में थोड़े-बहुत परिवर्तन लाकर कमर दर्द के खतरे को कम कर सकते हैं

 

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