केंद्रीय कर्मियों को बड़ी राहत, जीपीएफ से पैसा निकालना होगा आसान, पेंशनर्स के लिए भी नयी सहूलियत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 30 लाख से भी ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर. ये लोग अब बेहद आसानी से अपने जनरल प्रॉविडेंट फंड यानी जीपीएफ से पैसा आसानी से निकाल सकेंगे. सरकारी खातों की देखभाल करने वाली संस्था कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट यानी सीजीए ने एक खास ऑनलाइन व्यवस्था विकसित की है. साथ ही पेंशनभोगियों के लिए भी नयी व्यवस्था विकसित की गयी है जिसका फायदा 12 लाख से भी ज्यादा सेवानिवृत लोगों को मिलेगा.

31 दिसंबर 2003 तक केंद्र सरकार की नौकरी में शामिल होने वालों के लिए जीपीएफ में पैसा जमा कराना अनिवार्य है. मूल वेतन का कम से कम छह फीसदी और ज्यादा से ज्यादा सौ फीसदी इस फंड में जमा कराया जा सकता है. समय-समय पर इस फंड से आकस्मिक जरुरतों के लिए इस फंड से पैसा निकालने की सुविधा है जिसे ब्याज मुक्त कर्ज भी कहा जा सकता है.

दूसरी ओर नौ साल की सेवा पूरी हो जाने के बाद 90 फीसदी तक जमा रकम निकाला जा सकता है. कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय जीपीएफ में जमा पूरी रकम मय ब्याज वापस की जाती है. ध्यान रहे कि पहली जनवरी 2004 से न्यू पेंशन स्कीम की व्यवस्था शुरु की गयी जिसके बाद जीपीएफ की अनिवार्यता खत्म हो गयी.

जीपीएफ से पैसा निकालने की सरल व सहज व्यवस्था के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीपीएफ ऑनलाइन नाम की सुविधा लांच की है. इस व्यवस्था के जरिए जीपीएफ अकाउंट की मैपिंग इमप्लाई आईडी के साथ हो जाएगी औऱ कर्मचारियों को पैसा निकालने में मदद मिलेगी.

अधिकारियों का दावा है कि नयी व्यवस्था के अमल में आ जाने के बाद एख दिन के भीतर-भीतर एडवांस पाना मुमकिन हो सकेगा जबकि पुरानी व्यवस्था के तहहत इस काम में कई दिन लग जाते थे. केद्र सरकार के करीब 49 लाख अधिकारी व कर्मचारी हैं जिसमें से सामान्य नागरिक सेवाओं में 30 जबकि बाकी रक्षा और रेलवे से जुड़े हैं. नयी व्यवस्था का फायदा अभी सामान्य नागरिक सेवाओं में शामिल लोगो को मिलेगा.

दूसरी ओर वित्त मंत्री ने पेंशनभोगियों के लिए नयी व्यवस्था ई पीपीओ शुरु की. इससे रिटार्यट हो चुके लोगों को पेंशन से जुड़े मामलों को एक ऑनलाइन व्यवस्था के जरिए तेजी से सुलझाने में मदद मिलेगी. अधिकारियों का कहना है कि कागजी कार्रवाई के जरिए पेंशन से जुड़े मामलों को निबटाने में एक तरफ समय काफी लगता है, वहीं दूसरी ओर कई तरह की गलतियों की भी आशंका बनी रहती है. नयी व्यवस्था के जरिए ऐसी तमाम दिक्कतों को दूर करना संभव हो सकेगा.

ये दोनो ही व्यवस्था सरकारी बही खाता संभालने वाले सिविल अकाउंट सर्विसेज के अधिकारियों-कर्मचारियों ने विकसित किया है. सिविल अकाउंट सर्विस की 42 वीं स्थापना दिवस के मौके पर जेटली ने कहा कि इन अधिकारियों-कर्मचारियों पर एक-एक तथ्य को सही रखने की महती जिम्मेदारी है. अगर एक भी आंकड़ा गलत हो जाता है तो पूरे देश के सामने सही-सही तस्वीर सामने नहीं आ पाती.

 

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