केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर किया भगोड़े घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने वाला बिल

नई दिल्ली। भगोड़े घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित बिल पर केंद्र सरकार की कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. इस बिल के तहत देश छोड़कर जाने वाले को भगोड़ा घोटालेबाज घोषित किया जाएगा. कैबिनेट ने जिस बिल को मंजूर किया है उसे फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल कहा जाएगा.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के शास्त्री भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश छोड़ने वाले घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए यह बिल लाया गया है. इसके लिए लंबे समय से तैयारी चल रही थी. बिल को बजट सत्र के दूसरे हॉफ में पेश किया जाएगा.

जेटली के अनुसार, यह बिल उन्हीं मामलों में मान्य होगा, जहां अपराध 100 करोड़ रुपये से अधिक के हों. बिल के तहत अनुसूचित अपराधियों की पहचान की जाएगी. कोर्ट किसी को भी भगोड़ा घोषित कर सकता है. हालांकि इसके लिए घोटाले की सीमा 100 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए. इससे बड़े अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा.

इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के बजट भाषण में ऐसे भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने को लेकर कानून में बदलाव या नया कानून लाने का वादा किया था. यह आर्थिक अपराध करने वालों को देश छोड़कर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों पर अंकुश लगाने पर जोर देगा.

विधेयक वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) को आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करने और संपत्ति जब्त करने को लेकर आवेदन देने की अनुमति देगा. एफआईयू वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली तकनीकी खुफिया इकाई है. मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत अदालत को मामले की सुनवाई की जिम्मेदारी दी जाएगी.

 

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