केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू
पटना। केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने बिहार की नीतीश सरकार और बीजेपी पर आरोप लगाया है कि अश्विनी चौबे के बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने के बावजूद सरकार उन्हें बचा रही है.
दूसरी ओर अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत का कहना है कि वे सरेंडर नहीं करेंगे. पुलिस के पास गिरफ्तारी वॉरंट है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
मामला भागलपुर में एक सांप्रदायिक हिंसा का है जिसमें अरिजित शाश्वत पर एफआईआर दर्ज की गई है. शाश्वत ने कहा, मैं न्यायालय की शरण में हूं. भागते वो हैं, खोजना उन्हें पड़ता है जो कभी गायब हो गए हों. मैं समाज के बीच में हूं.
जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी और नीतीश सरकार पर एक साथ हमला बोला. तेजस्वी ने कहा, नीतीश कुमार को इसका जवाब देना चाहिए कि वे (अरिजित शाश्वत) अब तक क्यों नहीं पकड़े गए. जबकि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो चुका है. नीतीश कुमार का अपनी सरकार पर से नियंत्रण समाप्त हो चुका है. बिहार सरकार नागपुर से चल रही है. यह घटना बताती है कि नीतीश सरकार कितनी कमजोर हो चली है.
इस मामले में बीजेपी नेता सुब्रह्मणियम स्वामी ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार से पूछा जाना चाहिए कि यह घटना (सांप्रदायिक हिंसा) कैसे हुई. पुलिस क्या कर रही है? पुलिस के पास वॉरंट है तो उसे पकड़ना चाहिए.
मामला काफी बढ़ने के बाद अरिजित शाश्वत के पिता और केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, एफआईआर और कुछ नहीं बल्कि कचरे का टुकड़ा है जिसे उस इलाके के भ्रष्ट अधिकारियों ने दर्ज की है. मेरे बेटे ने कोई गलती नहीं की है.
भागलपुर की एक स्थानीय अदालत ने अरिजित शाश्वत और आठ अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है. अरिजित पर पिछले हफ्ते भागलपुर जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने नाथनगर पुलिस की ओर से दायर अर्जी पर रविवार को वॉरंट जारी किया. पुलिस ने इस सिलसिले में दर्ज दो मामलों में से एक में शामिल नौ लोगों की गिरफ्तारी की मांग की थी.
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