केरल क्यों देश में जिहाद और इस्लामिक स्टेट का गड़ बन गया है, कारण जान आप हैरान हो जाएंगे

भारतीय मुस्लिम समुदाय,दुनिया की तीसरी बड़ी आबादी ने अब तक ISIS की आतंकी गतिविधियों को बड़ाने के लिए नामात्र का ही सहयोग दिया है.. खुफिया एजेंसियों के एक अनुमान के अनुसार 100 से भी ज्यादा भारतीय मुस्लिमो ने ISIS जॉइन किया.. भारत की तुलना में अधिकतर लोग मालदीव्स और ब्रिटेन से गये है… पर भारत की चिंता तब बड़ जाती है जब दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने ISIS से सम्बंधित एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भारत मे तीर्थ स्थलों,बाजारों आदि स्थानों पर आतंकी हमलों का खतरा बड़ रहा है।

ISIS ने भारत के सबसे धनी,शिक्षित और राजधानी से बहुत दूर दक्षिण के राज्य केरल को अपने आतंकी मिशन के प्रचार और प्रसार के लिए चुना क्योंकि वहाँ न तो कश्मीर जैसा कठोर मौसम है और न ही इस्लाम के विद्रोही है| ISIS को यहाँ अनूकूल परिस्थितियों  के साथ साथ लोगो का समर्थन भी मिल रहा है।

केरलवासियों को अभी सर पर मंडराता खतरा समझ नही आ रहा है पर जब तक आँखें खुलेंगी तब तक बहुत नुकसान हो चुका होगा। केरल के लोग केरल राज्य को “भगवान का देश” कहते है पर धीरे धीरे ये अवधारना भी राजनीतिक ढाँचे और स्थानीय सरकार के रवैये के कारण बदलती जा रही है।

हाल ही में ISIS की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई भर्ती के कारण केरल से बहुत से युवा अपना घर और देश छोड़कर ISIS जॉइन करने के लिए निकल गए है, कुछ महीनों पहले कासरगोड जिले से 16 लड़के गायब हो गए थे और 4 लड़के पड़ोसी जिले पलक्कड़ से भी गायब हो गए थे…. बाद में लोगो ने एक अफगानी नंबर से मिले एन्क्रिप्टेड ऑडियो रिकॉर्डिंग पर सुना कि ‘”हम अपने गंतव्य तक पहुंच चुके है और पुलिस को शिकायत करने का कोई मतलब नही है..हमे अल्लाह के घर से वापस भी नही आना है”

लड़को का सामूहिक रूप से गायब हो जाना और बाद में पता चलना की वो आतंकी बन चुके ..ये आंकड़े भारत के लिए हुकाने वाले है तथा खतरे की घण्टी बजने के संकेत दे रहे है क्योंकि ये बड़ता हुआ ग्राफ आने वाले दिनों में भारत मे अस्थिरता पैदा कर सकता है।

उत्तरी केरल का शहर “पड़ना” एक विशिष्ट शहर है जिसे खाड़ी देशों में काम करने वाले 2.5 लाख लोगों ने पैसा निवेश कर बड़े खूबसूरत तरीके से बसाया है | इसी शहर से जून 2017 में एक मुस्लिम व्यक्ति हकीम सहित दर्जनों मुस्लिम लड़के एक साथ गायब हुए .. बाद में उनके ISIS संगठन से जुड़ जाने की खबर की पुष्टि हुई…हकीम के चाचा अब्दुल रहीम के अनुसार हकीम एक लापरवादलह और बुरे आचरण वाला लड़का था..वो धूम्रपान और नशे में लिप्त रहा करता था..वो धार्मिक क्रियाकलापों से दूर ही रहा करता था। हकीम ने संयुक्त अरब अमीरात जाने से पहले 2 साल पड़ना में काम किया था…वह उद्देश्यहीन होकर एक नए समूह के चक्कर मे पड़ गया ये समूह में स्थानीय पीस इंटरनेशनल के कर्मचारी थे जो कठोर सलाफी मुस्लिम विचारधारा का अनुसरण करते थे।

सलाफ़ीवाद केरल के लिए नया नहीं है..पर पिछले दशकों में सऊदी अरब से अवैध रूप से  NGO के जरिये मिलने वाले पैसे और विकीलीक्स द्वारा जारी किए सऊदी राजनेताओ के वीडियो और केबल्स के कारण इस क्षेत्र में कठोर इस्लाम सोच का निर्माण हुआ.. ये बहुत ही संकीर्ण,कठोर और प्रतिक्रियावादी विचारधारा है जिसने छात्रों और युवाओं को आकर्षित किया है। इन छात्रों ने अपने नेता चुने ( रूढ़िवादी सुन्नी) और उन्हें ऑनलाइन फॉलो करना शुरू कर दिया.. इन लोगो ने नेताओ के भाषण,उनकी शिक्षाए आदि का लोगो में प्रचार प्रसार करने का बीड़ा उठाया हुआ है,ये इन इस्लामी उपदेशो का आंख बंद कर अनुसरण करते है और इंटरनेट के जरिये ही ये लोग फतवे भी प्राप्त करते है।

जिन 68 लोगो को ISiS से सम्बन्ध होने के आधार पर गिरफ्तार किया गया वो लोग बड़े पैमाने पर बनाये गए छोटे छोटे आतंकी नेटवर्क के रूप में काम कर रहे थे और ये वास्तव में एक घातक आपरेशन को शुरू करने की तैयारी में थे।

जुलाई में कथित 16 आतंकवादियों के खिलाफ जारी एक राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के चार्जशीट के मुताबिक,अधिकारियों का मानना है कि शफी अरमार जो कि एक कुख्यात आतंकवादी है और भारतीय मुजाहिदीन का सदस्य है ये अभी सीरिया में है और नए भर्ती हुए लोगो को ट्रेनिंग देने का काम करता है.. इसका श्रेय कम्युनिस्ट और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों को जाता है जो 10 सालो से भी ज्यादा समय से केरल में प्रशासन कर रही है … इस सरकार पर ये भी आरोप है कि ये धर्मनिरपेक्षवाद और उदारवादी नीतियों के चलते जिहादी सोच को बढ़ावा दे रही है|

इन दिनों कुछ मुस्लिम समुदाय द्वारा RSS और भाजपा नेताओं की हत्या की बड़ती हुई घटनाएं ISIS की रणनीतियों के समान ही है जो इस मत को पुख्ता करती है कि केरल मुस्लिम संगठन इस्लामिक स्टेट की सोच का अनुसरण करते है।

केरल की कम्युनिस्ट सरकार PIF जैसे इस्लामी कट्टरपंथी समूह के खिलाफ कार्यवाही नही करेगी ऐसी विचारधारों को काफी बल मिल रहा है…उनके नेता खुले तौर पर गैर मुस्लिम समुदाय को काफी समय से धमकी भरे सन्देश भेज रहे है ,उनके पास अनौपचारिक रूप से ISIS का समर्थन भी है।

आईएसआईएस ने स्पष्ट रूप से भारतीयों के बीच उत्साह प्रज्वल्लित करने की कोशिश की है| इसके प्रचार विंग ने मई में एक वीडियो जारी किया जिसमें भारतीय रंगरूटों के साथ साक्षात्कारों की सुविधा है, जिसमें एक मौजूदा जेहादी समूह, इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने  2014 में आईएसआईएस के प्रति निष्ठा का वादा किया था। इस तरह के मानव विरोधी समूहों और उनकी गतिविधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की एक तत्काल आवश्यकता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या साम्यवादी सरकार जिहादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत करती है?

 

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