क्राइम ब्रांच के सामने आज पेश नहीं हुए दाती महाराज, मिला और 2 दिन का समय
नई दिल्ली। दुष्कर्म के आरोपी दाती महाराज लापता हैं और भगोड़े की तरह पुलिस से की नजर से बच रहे हैं. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दाती महाराज को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, बाबा पेश नहीं हुए. क्राइम ब्रांच ने उन्हें और दो दिन का समय देते हुए बुधवार तक पेश होने के आदेश दिए हैं. हालांकि स्वयंभू बाबा की तलाश में पुलिस लगातार खोजबीन में लगी हुई है और छापेमारी की जा रही है. दाती महाराज पर उन्हीं की एक शिष्या ने यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं.
क्राइम ब्रांच के नोटिस पर दाती महाराज खुद तो आज पेश नहीं हुए, लेकिन उन्होंने अपने दो शिष्यों को क्राइम ब्रांच के ऑफिस में बात करने के लिए भेजा. बताया जा रहा है कि दाती महाराज ने क्राइम ब्रांच से और समय मांगा है.
पुलिस के सूत्र बताते हैं कि क्राइम ब्रांच ने आज पूरी तैयारी कर रखी थी दाती महाराज से दुष्कर्म मामले में पूछताछ के लिए. तमाम धाराओं में जो आरोप लगे हैं उनको लेकर पुलिस दाती महाराज से लंबी पूछताछ के इरादे किए हुए थी, लेकिन दाती महाराज पुलिस के सामने पेश हुए हुए.
#Delhi Police Crime Branch gives self-styled god-man Daati Maharaj time till Wednesday, to appear before them in connection with rape case against him.
— ANI (@ANI) 18 जून 2018
पुलिस का कहना है कि बुलावे पर नहीं आने के बाद उनको नोटिस भेजा जाएगा. अगर नोटिस के बावजूद वह पेश नहीं होते हैं तो अगली कार्रवाई की जाएगी. साथ ही क्राइम ब्रांच पुलिस दाती महाराज से जुड़े हुए लोगों और ट्रस्टियों से जानकारी जुटा रही है. गौर करने वाली बात यह है कि जिन धाराओं में दाती महाराज पर आरोप लगे हैं वे गैरजमानती हैं, फिर भी पुलिस उनको गिरफ्तार करने की बजाय बुलावा भेज रही है.
इससे पहले क्राइम ब्रांच ने दाती महाराज के दिल्ली स्थित शनिधाम आश्रम और राजस्थान के पाली स्थित आश्रम में भी खोजबीन की. पुलिस पीड़िता को लेकर उन तमाम जगह छापेमारी कर रही है, जहां-जहां पीड़िता ने उसके साथ दुष्कर्म होने के आरोप लगाए थे.
दाती महाराज का असली नाम मदन लाल है और वह राजस्थान के पाली जिले के अलावास गांव का रहने वाला है और वह मेघवाल समुदाय से संबंध रखता है. बताया जाता है कि मदन लाल माता-पिता की मौत के बाद कम उम्र में ही दिल्ली आ गया था और यहां आकर उसने पहले चाय की दुकान पर काम किया और वहां से काम सीखने के बाद खुद की चाय की दुकान खोल ली. इसके बाद उसने कैटरिंग का धंधा खोला. इसी दौरान वह एक ज्योतिषी के संपर्क में आया और उससे ज्योतिष विद्या सीखने के बाद दाती महाराज बन बैठा.
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