चीनी सेना ने 6 जून को कही थी पीछे हटने की बात, 10 दिन में रच डाली खूनी साजिश

नई दिल्ली। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हिंसक झड़प के बाद चीन का चरित्र एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है. बॉर्डर पर डेढ़ महीने से चल रहे विवाद को शांति से निपटने के लिए 6 जून को हुई सीनियर कमांडरों की बैठक में चीनी सेना ने पीछे हटने की बात कही थी, लेकिन महज 10 दिन में चीन ने धोखे से खूनी साजिश रच डाली.

इस साजिश में दोनों तरफ से गोली तो नहीं चली, लेकिन चीनी फौजियों ने लाठी, पत्थरों से हमला कर गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की जान ले ली. हालांकि चीन को भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक भारतीय फौज के पलटवार में चीन के 43 जवान हताहत हुए हैं.

चीन के मेजर जनरल लियु लिन से हुई थी बातचीत

6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के नेतृत्व में भारतीय सेना ने चीन के मेजर जनरल लियु लिन से मोल्डो में बातचीत की. सीनियर कमांडरों की अच्छी बैठक हुई. इसके बाद ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं थी. 11 जून को चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान भी आया था कि दोनों देश इस मसले को आपस में बिल्कुल सही तरीके से निपटा रहे हैं.

वहीं, हिंसक झड़प से पहले 15 जून को दोनों देशों के बीच ब्रिगेडियर कमांडर, कमांडर ऑफिसर लेवल की बातचीत हुई. ये बातचीत PP14 इलाके के पास की गई. इसमें गलवान घाटी में सैनिकों को वापस भेजने और फिर अप्रैल से पहले जैसी सामान्य स्थिति कायम करने को लेकर चर्चा हुई थी.

चीनी सैनिकों ने रॉड-पत्थरों से किया हमला

घटना वाली रात यानी सोमवार को कर्नल संतोष बाबू चीनी खेमे में बातचीत करने गए थे. दोनों पक्षों के बीच पीछे हटने की बात तय थी, लेकिन चीनी फौज समझौते पर अमल नहीं कर रही थी. कर्नल संतोष बाबू की बातचीत के दौरान चीनी सैनिक उग्र हो गए. चीनी फौज ने भारतीय टीम पर रॉड-पत्थरों से हमला कर दिया. मौके पर चीनी फौजियों की तादाद भारतीय जवानों से 3 गुना थी. झड़प शुरू होने के बाद भारतीय सैनिकों की दूसरी टीम मौके पर पहुंची. हालांकि इस झड़प में भारत ने अपने 20 सैनिक खो दिए. वहीं, जवाबी कार्रवाई में चीनी फौज के 43 सैनिक हताहत हुए हैं.

इधर, हिंसक झड़प के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हमें उम्मीद थी कि सबकुछ अच्छे से होगा. चीनी पक्ष गलवान वैली में LAC का सम्मान करते हुए पीछे चला गया, लेकिन चीन द्वारा स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश करने पर 15 जून को हिंसक झड़प हो गई. इससे बचा जा सकता था.

झड़प के बाद शुरू हुआ बैठकों का दौर

झड़प के बाद दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात की समीक्षा के लिए सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद पीएम आवास पर भी एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह और विदेशमंत्री एस जयशंकर के साथ पीएम ने हालात पर चर्चा की.

बता दें कि चीन के इस बर्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जताई है. यूएन चीफ ने दोनों ही देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button