जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद भी जारी रहेगी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाईः राम माधव

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद राज्यपाल शासन लगाने की मांग की जा रही है. राज्यपाल शासन की मांग के बीच बीजेपी के महासचिव राम माधव ने बड़ा बयान दिया है. राम माधव ने कहा कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद भी हमारी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेशक से आतंकवादियों के खिलाफ कोई ठोस कदम ना उठा पाई हो, लेकिन राज्य में बीजेपी सरकार जल्द ही इसके खिलाफ कड़ा एक्शन लेगी.

राज्य में लगे राज्यपाल शासन-राम माधव
घाटी में राज्यपाल शासन लगाने की मांग करते हुए राम माधव ने कहा कि शांति प्रक्रिया के लिए यह एक मात्र विकल्प है. उन्होंने कहा राज्यपाल शासन लगने के बाद वह खुद तय करेंगे की आखिरकार अब हालातों से निपटा जाए.

पीडीपी सरकार पर बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
राज्य की सत्तासीन महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाते हुए राम माधन ने कहा, ‘राज्य सरकार को हर संभव मदद की. सरकार का मुख्य नेतृत्व जिनके हाथ में था. इन स्थितियों को संभालने में सफल नहीं हुई. राज्य सरकार असफल रही हम उनकी कैपबिलिटी को चैलेंज नहीं कर रहे हैं. बीजेपी के महासचिव राम माधव ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण पार्टी ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि पीडीपी चाहती है कि सीजफायर को आगे बढ़ाया जाए और घाटी के हुर्रियत नेताओं से बीजेपी बात की जाए, लेकिन बीजेपी इसके खिलाफ थी.

विकास कार्यों पर भी पीडीपी-बीजेपी में मतभेद
राम माधव ने कहा है कि घाटी में पीडीपी के कामों पर सवाल नहीं है, लेकिन राज्य में सरकार विफल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख जैसे क्षेत्रों में विकास कार्यों में हमेशा पीडीपी के मंत्री अड़चने लगाते आए हैं. कई विभागों में काम के लिहाज से जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव जनता महसूस करती रही है, जिसका सारा श्रेय पीडीपी को ही जाता है.

 

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