जेसिका लाल हत्याकांड: बहन के हत्यारे की सजा क्यों कम करवाना चाहती हैं सबरीना?

नई दिल्ली। जेसिका लाल हत्याकांड के करीब दो दशक बाद उनकी बहन सबरीना लाल ने मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा को माफ कर दिया है. इसे लेकर उन्होंने सेंट्रल जेल नंबर-2 के वेलफेयर ऑफिसर को चिट्ठी लिखी है. मीडिया से बात करते हुए सबरीना ने कहा कि वे ये मामला 1999 से लड़ती हुई आ रही हैं. मनु शर्मा 15 साल की सजा काट चुका है. आपको आगे बढ़ने और जिंदगी जीने के लिए अपना गुस्सा और जो भी भावनाएं हैं उन्हें पीछे छोड़ना ही पड़ता है.

सबरीना ने आगे कहा कि, अगर मनु शर्मा बरी हो जाता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं. इसकी कोई एक वजह नहीं है. जिंदगी जीने के लिए माफ करना और आगे बढ़ते रहना जरूरी है.

चिट्ठी में लिखी ये बात
सबरीना लाल ने सेंट्रल जेल नंबर-2 के वेलफेयर ऑफिसर से मिली चिट्ठी के जवाब में भी मनु शर्मा को बरी किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी. उन्होंने अपने जवाब में लिखा था ‘मुआवजे और सिद्धार्थ वशिष्ठ जो एफआईआर नंबर 287/1999 u/s 309 आईपीसी के तहत दोषी करार दिया गया था, उसे बरी किए जाने को लेकर मिली आपकी चिट्ठी के जवाब में मैं ये खत लिख रही हूं. मैं ये कहना चाहूंगी कि मुझे सिद्धार्थ वशिष्ठ को रिहा करने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. वो पिछले 15 साल से जेल में सजा काट रहा है. मुझे इसकी जानकारी दी गई कि जेल में रहते हुए वो अच्छे कार्य कर रहा था, जिसमें चैरिटी और दूसरे जले के कैदियों को सुधारने में मदद शामिल है. मुझे लगता है कि ये पश्चाताप है. जहां तक मुआवजे की बात है, मुझे इसमें से कुछ नहीं चाहिए. ये पैसा आप किसी और जरूरतमंद को दे सकते हैं.’

जानें क्या है जेसिका लाल हत्याकांड
29 अप्रैल, 1999 को मॉडल जेसिका लाल दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में मौजूद थीं, जहां उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा को गिरफ्तार किया. मनु शर्मा हरियाणा के कद्दावर कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा का बेटा है. सामने आया कि मनु ने जेसिका से शराब परोसने के लिए कहा था, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनु ने जेसिका की गोली मारकर हत्या कर दी.

जेसिका लाल हत्याकांड का मुकदमा सात साल तक चला और फरवरी 2006 में सभी आरोपी बरी कर दिए गए. आरोपियों के बरी होने पर सबरीना ने अपने बहन के लिए इंसाफ मांगने के लिए और प्रयास शुरू कर दिए. मामला मीडिया में उछला और देशभर में आरोपियों को बरी किए जाने को लेकर आलोचना शुरू हो गई. इसके बाद जेसिका लाल मर्डर केस फिर से खोला गया.

दिल्ली पुलिस ने 13 मार्च 2006 को हाईकोर्ट में अपील दायर की. 18 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया. मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. 2 फरवरी 2007 में उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. 19 अप्रैल 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा.

 

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