जो पिता और चाचा का नहीं हुआ वह मुहबोली बुआ का क्या होगा : केशव प्रसाद मौर्य

कानपुर। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने साफ कर दिया है कि वह 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ दोस्ती कायम रखेंगी. बीजेपी की राज्यसभा में जीत के एक दिन बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा बीएसपी गठजोड़ पर हमला बोला. पत्रकारों से बातचीत में मौर्य ने कहा कि अखिलेश जो कभी अपने पिता (मुलायम सिंह) और चाचा (शिवपाल) के प्रति वफादार नहीं रहे, वह कभी भी ‘बुआ’ (मायावती) के प्रति भी वफादार नही रहेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी, नरेंद्र मोदी और योगी को रोकने के लिये जो सपा बीएसपी गठबंधन बनाया गया था वह पूरी तरह से फेल हो गया है . बीजेपी ने 10 सीटों में से 9 सीटों पर विजय प्राप्त कर इतिहास बना दिया.

मौर्य ने कहा, ‘ हम कह सकते हैं कि 2014 में जो हमारी जीत हुई थी वह 2019 में भी दोहरायी जाएगी और नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे.’  उन्होंने कहा कि योगी सरकार पिछले 15 साल में सपा बीएसपी द्वारा किये गये गुनाहों को साफ करने की कोशिश कर रही है.

सपा-बीएसपी का मेल अटूट, बीजेपी का मकसद दोस्ती को तोड़ना : मायावती
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी को मिली हार को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुये कहा कि सपा-बीएसपी का मेल अटूट है, बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा-बीएसपी की दोस्ती को तोड़ना है, कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे संबंध तब से है जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी.

मायावती ने बीजेपी एंड कंपनी पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल के खिलाफ साजिश कर फूट डालने की कोशिश में अतिरिक्त उम्मीदवार, जो कि एक ‘धन्ना सेठ’ है, को मैदान में उतारा था . उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ये सब इसलिए किया जिससे सपा और बीएसपी के बीच एक बार फिर से दूरी हो जाए.

‘हमारा मकसद खरीद-फरोख्त वाली राजनीति को खत्म करना’
मायावती ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इसके पीछे हमारा मकसद ‘धन्नासेठों’ की खरीद-फरोख्त वाली राजनीति को खत्म करना था. उन्होंने कहा, ‘’हम चाहते थे कि इस तरह ताकत का दुरुपयोग न किया जा सके इसलिए हम दोनों ने एक-एक उम्मीदवार उतारा था. इसके बावजूद सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने की आदत से बाज न आने वाली बीजेपी ने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिया.’’

मायावती ने कहा कि बीजेपी ने एक ‘धन्ना सेठ’ को अतिरिक्त उम्मीदवार के रूप में उतारकर चुनाव को निर्विरोध नहीं रहने दिया और मतदान आधारित बनाया ताकि सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग से और पैसे के बल अपने उम्मीदवार को जिताया जा सकें’ उन्होंने बीजेपी नेताओं पर तंज कसते हुये कहा कि ‘राज्यसभा के परिणाम के बाद बीजेपी नेताओं ने कल रात में खूब लड्डू खाए होंगे लेकिन आज उनकी नींद मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उड़ जाएगी.’

मायावती ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘’गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर हुए उपचुनाव से पहले बीएसपी और सपा साथ आए और इसका पूरे देश में सकारात्मक संदेश गया. उपचुनावों में दोनों के साथ आने का असर दिखा और बीएसपी ने सपा के उम्मीदवारों का समर्थन किया जिसके फलस्वरूप बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी की कोशिश रही कि किसी भी तरह हम दोनों दलों में फूट डलवाई जाए और अगले साल लोकसभा चुनाव में दोनों दल साथ न नजर आएं. बीजेपी की यह साजिश कल पूरे दिन राज्यसभा वोटिंग के दौरान देखने को मिली.’’

मायावती ने पत्रकार वार्ता में कहा, ‘मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा-बीएसपी का मेल अटूट है. बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा-बीएसपी के तालमेल को तोड़ना है, कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं, तबसे जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी.

उन्होंने कहा, ‘‘बीएसपी उम्मीदवार को हराकर बीजेपी सपा के साथ हमारे तालमेल पर कोई असर नहीं डाल पाएगी और 2019 के आम चुनाव में उसे इसका परिणाम भुगतना होगा.’ मायावती ने कहा, ‘ बीजेपी के लोग सपा बीएसपी दोस्ती में स्टेट गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते है, यहां मैं साफ कर दूं कि दो जून 1995 में जब राजधानी में स्टेट गेस्ट हाउस कांड हुआ था सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव उस समय राजनीति में नहीं थे इसलिये अखिलेश को उस कांड के लिये जिम्मेदार ठहराना गलत है. भारतीय जनता पार्टी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये सपा के खिलाफ स्टेट गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाती है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान बीजेपी सरकार इस बात को जनता के सामने क्यों नहीं लाती है कि जिस पुलिस अधिकारी की मौजूदगी और संरक्षण में सरकार द्वारा स्टेट गेस्ट हाउस कांड करवाया गया था अब उसी पुलिस अधिकारी को बीजेपी की योगी सरकार ने प्रदेश का पुलिस प्रमुख अर्थात डीजीपी बनाया हुआ है . यह सब हमारे लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है . मेरी हत्या कराने के मकसद से स्टेट गेस्ट हाउस कांड के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को प्रदेश में पुलिस विभाग का सबसे बड़ा ओहदा देकर बीजेपी सरकार मेरी हत्या करवाने की फिराक में तो ​नहीं है ताकि फिर बीएसपी मूवमेंट ही दम तोड़ दे. यह सोचने वाली बात है .’

बीएसपी प्रमुख ने बताया कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रास वोटिंग करने वाले अपने विधायक अनिल सिंह को उन्होंने पार्टी से निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी राजनी​ति में थोड़े कम तजुर्बेकार है. अगर मैं उनकी जगह पर होती तो अपने उम्मीदवार के बजाये उनके उम्मीदार को जिताने की कोशिश करती.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अखिलेश को ‘कुंडा के गुंडा’ कहे जाने वाले राजा भैया (उन्होंने साफ किया कि यह उपाधि राजा भैया को हमने नहीं दी थी) पर भरोसा नहीं करना चाहिए है. उन्होंने कहा, ‘अगर वो उस पर भरोसा नहीं करते और रणनीति पर काम करते तो आज परिणाम दूसरे होते.’

ईवीएम से मतदान पर पूछे गये सवाल पर मायावती ने कहा, ‘बीजेपी को अपनी ताकत और जीत पर इतना भरोसा है तो वह ईवीएम के बजाये बैलेट पेपर से चुनाव क्यों नहीं करवाती.’

ममता ने मायावती के बयान का स्वागत किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज सपा- बीएसपी के आपसी तालमेल से जुड़े मायावती के बयान का स्वागत किया. गौरतलब है कि मायावती ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजे से दोनों दलों के बीच राज्य में आपसी तालमेल पर असर नहीं पड़ेगा. ममता ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं मायावती जी द्वारा आज व्यक्त किए गए विचारों का समर्थन करती हूं. हम देश के लिए इस मिशन में पूरी मजबूती से उनके और अखिलेश यादव के साथ हैं.’ बीजेपी ने शुक्रवार उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की नौ सीटें जीतीं. एक बाकी सीट पर समाजवादी ने कब्जा किया.

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी को मिली हार के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आज बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने चुनाव में धनबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ये सब इसलिए किया ताकि सपा और बीएसपी के बीच एक बार फिर से दूरी बने.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा- बीएसपी का मेल अटूट है. बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा- बीएसपी की दोस्ती को तोड़ना है, कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी.’ सोमवार को यहां टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव से मिली ममता ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ एक बड़े मोर्चे के गठन के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में ऐसी स्थिति आती है जब सभी दलों को काम करने के लिए साथ आने की जरूरत होती है.’

 

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