ज्वालामुखी पर बैठा है सुप्रीम कोर्ट- इंदिरा जयसिंह

मुंबई। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 का दूसरा और अंतिम दिन चल रहा है. जहां कॉन्क्लेव के पहले दिन जहां इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने कहा कि पूरी दुनिया इस वक्त बड़े उलटफेर के दौर से गुजर रही है वहीं कार्यक्रम के पहले अहम सत्र में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दावा किया कि 2019 में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी करने के लिए तैयार है. यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार का अच्छे दिन का वादा एक बार फिर बीजेपी के लिए शाइनिंग इंडिया साबित होने जा रहा है. वहीं दूसरे दिन फेसबुक के बिजनेस डेवलपमेंट वाइस प्रेसिडेंट ऐश झावेरी और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी शिरकत कर चुके हैं.

कॉन्क्लेव के आगे के सत्रों में हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार, शेहला राशिद, अभिषेक मनु सिंघवी, सौरव गांगुली, अजिंक्य रहाणे, करिश्मा कपूर, करीना कपूर और नीता अंबानी समेत कई जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी.

छठवां सत्र: रूल ऑफ लॉ- जस्टिस इन दि डॉक

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के अहम सत्र रूल ऑफ लॉ- जस्टिस इन दि डॉक में सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट इंदिरा जयसिंह, एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया. इस सत्र की शुरुआत न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की गई. राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि क्या देश में न्यायपालिका में बेंच फिक्सिंग होती है.

इस सवाल के जवाब में इंदिया जयसिंह ने कहा कि बैंच फिक्सिंग हकीकत है और इसके जरिए कोर्ट के फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है. हालांकि पिंकी आनंद ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट भ्रष्टाचार से मुक्त है. पिंकी ने कहा कि जज के रोस्टर का एक सिस्टम है जहां यह तय किया जाता है कि किस कोर्ट में किस जज को बैठना है.

जस्टिस लोया के मामले में हो रही राजनीति पर पिंकी ने कहा कि न्यायपालिका सिर्फ सुबूत के आधार पर ही केस में फैसला करती है. इंदिरा सिंह ने कहा कि न्यायपालिका का राजनीतिकरण सिर्फ जज की नियुक्ति के समय पर ही संभव है. इंदिरा ने कहा कि जज की नियुक्ति करते समय ही यह संभव है और ऐसे लोगों को जज बनाया जा सकता है जिनके तहत मामलों में फैसलों के प्रभावित किया जा सकता है.

इंदिरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की स्थिति एक ज्वालामुखी की तरह है. इंदिरा ने कहा कि देश की सबसे बड़ी कोर्ट के चार जज यदि जनता के सामने जाकर यह कहते हैं कि कोर्ट व्यवस्था में सबकुछ ठीक नहीं है और यह अपील करते हैं कि तुरंत कदम उठाए जाएं नहीं तो देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा तो इस बात को बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए. हालांकि पिंकी ने कहा कि प्रत्येक व्यवस्था की तरह कोर्ट की व्यवस्था में भी कुछ तनाव मौजूद रहते हैं.

पांचवा सत्र: दि यंग टर्क्स- दि फ्यूचर ऑफ आइडेंटिटी पॉलिटिक्स

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के अहम सत्र दि यंग टर्क्स- दि फ्यूचर ऑफ आइडेंटिटी पॉलिटिक्स में हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार, शेहला रशीद, रोहित चहल और सुभ्राष्टा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राहुल कंवल ने किया. इस सत्र में राजनीति की नई पीढ़ी के योगदान पर चर्चा की गई.

इस सत्र की शुरुआत राहुल ने हार्दिक पटेल से पूछा कि वह कैसी राजनीति कर रहे हैं? क्या हार्दिक एक बार फिर गुजरात में जाति को केन्द्र में रखने की कोशिश कर रही है? हार्दिक पटेल ने कहा कि वह किसी का विरोध नहीं कर रहे सिर्फ वह नौकरी और शिक्षा की मांग लेकर सामने आए हैं. इसे जाति आधारित कैसे कहा जा सकता है. हालांकि हार्दिक ने कहा कि महज एक समुदाय के लिए बात करने पर कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है लेकिन उन्होंने कभी राज्य में दलितों का विरोध नहीं किया है.

हार्दिक ने कहा कि सरकार स्कूल की शिक्षा को मौलिक अधिकार में रखती है लेकिन इसके बावजूद देशभर में स्कूलों की फीस लाखों रुपये में पहुंच चुकी है. क्या शिक्षा का मौलिक अधिकार इस ऊंची फीस पर मिलेगा?

इस सत्र के दौरान कन्हैया से राहुल ने पूछा कि क्या सिर्फ किसी एक जाति के लिए आरक्षण मांगना उचित है. इस सवाल पर कन्हैया ने कहा कि उनकी भी पहचान कई तरीकों से है. रोहित चहल ने कहा कि बीजेपी अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को आगे लाने की बात करती है.

चौथा सत्र: डेमोक्रैटिक न्यूजरूम- आस्क आर एंकर्स

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के अहम सत्र डेमोक्रैटिक न्यूजरूम- आस्क आर एंकर्स में सांसद डेरेक ओ ब्रायन और इंडिया टुडे समूह के न्यू एंकर्स राजदीप सरदेसाई, राहुल कंवल, राज चेनगप्पा, साहिल जोशी, पद्मजा जोशी और अवन्तिका ने शिरकत की. इस खास सत्र का संचालन डेरेक ने किया.

डेरेक ने कहा कि क्या न्यूजरूम डेमोक्रैटिक है? इस सवाल पर राहुल ने कहा कि उनका न्यूजरूम डेमोक्रैटिक है क्योंकि न्यूजरूम डेमोक्रैटिक के अलावा कुछ नहीं हो सकता है.

डेरेक ने कहा कि देश में 9 पोलिटिकल पार्टियां हैं जो कुछ खास न्यूज चैनल्स पर नहीं जाती हैं. इनमें ज्यादातर रीजनल पार्टियां हैं. डेरेक ने कहा कि न्यूजरूम को थोड़ा फेडरल होने की जरूरत है. डेरेक के सवाल पर राज ने कहा कि इंडिया टुडे समूह राज्यों को फोकस में रख कर अपना काम कर रही है. इंडिया टुडे ने खास तौर पर राज्यों की आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर ढ़ंग से लोगों तक पहुंचाने के लिए अहम पहल की है.

वहीं न्यूजरूम को अधिक फेडरल बनाने के मुद्दे पर राजदीप ने कहा कि इंडिया टुडे ने नॉर्थ ईस्ट के चुनावों के साथ-साथ दक्षिण भारत के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ उठाने का काम किया है. राजदीप ने कहा कि यदि इंडिया टुडे समूह बंगाल की कवरेज को बढ़ाया तो सबसे पहले ममता बनर्जी की सरकार उनके खिलाफ खड़ी हो जाएगी.

तीसरा सत्र: लव स्लैम- माई बॉडी इज लॉट देयर बेड

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के तीसरे अहम सत्र लव स्लैम- माई बॉडी इज लॉट देयर बेड में भारतीय मूल की कनाडाई कवियत्री रूपी कौर ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन कावेरी बमजयी ने किया.

इस सत्र के दौरान रूपी कौर ने अपनी कविताएं सुनाई. रूपी ने कहा कि उनकी पर्सनालिटी में सिख पोइट्री और कीर्तन का अहम योगदान है.

दूसरा सत्र: रोड टू 2019- स्पीड बम्प्स अहेड

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन के दूसरे अहम सत्र में केंद्रीय रोड ट्रांस्पोर्ट और हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया.

सोनिया गांधी के दावे कि अच्छे दिन का हाल शाइनिंग इंडिया जैसा होगा पर क्या कहना चाहते हैं? नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष में बैठकर कोई भी नेता ऐसा ही दावा करेगा. लेकिन सोनिया गांधी के दावे को हाल में हो रहे राज्यों के विधानसभा चुनावों ने सपोर्ट नहीं किया है. नितिन गडकरी ने कहा कि सत्ता में वापसी के बारे में सोनिया गांधी मुंगेरी लाल का हसीन सपना देख रही हैं.

गडकरी ने कहा कि त्रिपुरा भले छोटा राज्य है लेकिन देश की जनता का मूड समझने के लिए यहां का चुनाव नतीजा भी बेहद अहम है. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक सुधारों की पहल की है. वहीं, सड़क बनाने के तो मौजूदा सरकार ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

नितिन गडकरी ने कहा कि कृषि क्षेत्र की समस्या देश में नई नहीं है. इस समस्या की जड़ में देश में पानी की समस्या है. इसे कुछ वर्षों में ठीक भी नहीं किया जा सकता है. मानसून के अलावा इसे मजबूत करने के लिए जरूरी है कि देश के इरीगेशन सिस्टम पर तेज काम किया जाए.

नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति और क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. राजनीति में कोई किसी का परमानेंट दोस्त नहीं और कोई किसी का पर्मानेंट दुश्मन नहीं होता. गडकरी ने कहा कि हमारे जो घटक दल दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें समझा-बुझाकर रोक लिया जाएगा.

आजादी के बाद देश में एक बात गलत हुई है. यहां निवेशक को चोर माना जाता है. बिजनेसमैन को करप्ट माना जाता है.

नीरव मोदी से पार्टी का कुछ लेना देना नहीं. उसे लोन कांग्रेस के कार्यकाल में दिया गया. और यह सोच कि किसी कारोबारी का लोन डूब गया तो जरूरी नहीं कि वह पैसे लेकर खा गया. यह भी संभव है कि उसे नुकसान उठाना पड़ा हो. यह हमारी गलत सोच है कि किसी का लोन खराब हुआ तो उसे फ्रॉड और भगोड़ा बना देते हैं.

नितिन गडकरी ने कहा कि आधी पार्लियामेंट टेलीवीजन को देखकर काम करती है. ज्यादातर सांसद सोचते हैं कि वह संसद में ऐसा क्या कर दें कि उन्हें मीडिया में कवरेज मिल जाए. लिहाजा, संसद में हंगामे के लिए काफी हद तक मीडिया जिम्मेदार है.

पहला सत्र:  फ्यूचर वॉच – वीआर इज दि न्यू रियल

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन के पहले अहम सत्र फ्यूचर वॉच – वीआर इज दि न्यू रियल में फेसबुक के बिजनेस डेवलपमेंट वाइस प्रेसिडेंट ऐश झावेरी ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे की सोशल मीडिया एडिटर प्रेरणा कौल मिश्रा ने किया.

इस सत्र के दौरान ऐश ने कहा कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में फेसबुक बड़ी तैयारी कर रहा है. ऐश ने कहा कि आज यूजर क्या सोच रहा है, सर्च इंजन वह जानने की कोशिश कर रहा है. इसके साथ ही फेसबुक अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को भी निभाने की पूरी कोशिश करता है. ऐश ने कहा कि हाल ही में प्यूर्तो रिको हरिकेन के दौरान फेसबुक ने लोगों की मदद करने की पहल की थी.

प्रेरणा के पूछा कि क्या स्मार्टफोन का कोई विकल्प है? ऐश ने कहा कि फिलहाल स्मार्टफोन का कोई विकल्प नहीं है.

ऐश ने कहा कि फेसबुक एक खास प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और इससे अगले एक-दो साल में स्मार्टफोन के जरिए कपड़ों की शॉपिंग को बदलने की तैयारी में है. इस प्रोजेक्ट के लॉन्च होने के बाद मोबाइल से कपड़ों की शॉपिंग करने के लिए आप अपने स्मार्टफोन के जरिए कपड़ों का ट्रायल ले सकेंगे और देख सकेंगे कि आपकी नई ड्रेस आपके ऊपर कैसी लगेगी.

 

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