‘डीजल कार बैन से भारत के प्रति विश्वास को ठेस’

Toyotawww.tahalkaexpress.com मुंबई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल गाड़ियों की बिक्री को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच जापानी कंपनी टोयोटा ने कहा है कि इससे ‘भारत के प्रति उसके विश्वास’ को ठेस लगी हैऔर इस कारण उसे अपनी लोकल यूनिट की योजनाओं को फिर से तय करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के उपाध्यक्ष शेखर विश्वनाथन ने कहा, ‘बीच दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बड़ी डीजल कारों और एसयूवी पर लगाए गए प्रतिबंध से भारत के प्रति टोयोटा के विश्वास को बड़ा झटका लगा है और इसको लेकर जारी अनिश्चितता से इसमें बढ़ोतरी ही हो रही है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर में हमारा काम है कि हम उस विश्वास को फिर बहाल करें।’

उन्होंने कहा कि ‘विश्वास का तंतु टूट चुका है’। अब किसी नए प्रॉडक्ट को पेश करना या ताजा निवेश करने की प्रतिबद्धता दिखाना बहुत मुश्किल हो गया है। यह तब है जब कंपनी अपने सभी वाहनों का निर्माण पहले दिन से देश द्वारा स्थापित नियमों के तहत कर रही है।
उन्होंने कहा कि यदि वे किसी नए प्रॉडक्ट की मंजूरी के लिए मुख्यालय जाते हैं तो वहां प्रश्न किया जाएगा कि उन्हें कैसे पता कि इस पर प्रतिबंध नहीं लगेगा और इसका उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। इसलिए मेरा पहला काम यह देखना है कि प्रतिबंध हटे। इसके लिए यदि हमें कुछ सेस भी देना पड़े तो दे देंगे, हालांकि हम नहीं मानते कि यह सेस उचित है।

पिछले साल 16 दिसंबर को न्यायालय ने 2,000 सीसी या उससे ज्यादा क्षमता के इंजन वाली डीजल गाड़ियों की दिल्ली में बिक्री पर रोक लगा दी थी जो 31 मार्च 2016 तक मान्य थी जिसे बाद में बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया गया और इस पर अभी भी इस पर अंतिम फैसला आना बाकी है।

 

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