तीन जुलाई से जारी राजस्व लेखपालों की हड़ताल खत्म, सरकार ने मानी कई मांगें

लखनऊ। मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय व राजस्व विभाग के वरिष्ठ अफसरों से वार्ता व सभी प्रमुख मांगों पर कार्यवाही के आश्वासन के बाद 15 दिन से चल रही राजस्व लेखपालों की हड़ताल खत्म हो गई है। सरकार ने लेखपालों को आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र जारी करने पर प्रति प्रमाणपत्र पांच रुपये देने और सेवा में एक बार अंतर्जनपदीय तबादले की सुविधा देने के अलावा सभी प्रमुख भत्तों में वृद्धि व ग्रेड पे, वेतन विसंगति सहित सभी मांगों पर विचार कर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

अंतर्जनपदीय तबादले का सबसे बड़ा फायदा प्रशिक्षु लेखपालों को होगा। बड़ी संख्या में नए लेखपाल दूसरे जिलों में कार्यरत हैं। आंदोलन के दौरान लेखपालों के खिलाफ की गई सभी कार्रवाई को भी खत्म करने का फैसला किया गया है।

मुख्य सचिव व राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में मंगलवार को संघ के अध्यक्ष राम मूरत यादव व महामंत्री ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई। मुख्य सचिव ने सभी मांगों पर बिंदुवार सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने हड़ताली साथियों के खिलाफ की गई कार्रवाई वापस लेने की मांग की। इसे भी शासन ने मान लिया। इसके बाद संघ ने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया।

बता दें, लेखपाल आठ सूत्री मांगों को लेकर तीन जुलाई से हड़ताल पर थे। सरकार ने हड़ताल को प्रतिबंधित करते हुए एस्मा लगाया फिर भी लेखपाल हड़ताल पर डटे रहे। सरकार ने हड़ताल पर सख्ती दिखाई और 700 से अधिक लेखपालों को निलंबित कर दिया और आठ हजार प्रशिक्षु लेखपालों की सेवा समाप्ति का नोटिस दिया।

पहले दौर की वार्ता विफल होने के बाद कई दिनों से सरकार और लेखपाल संघ के बीच बैकडोर वार्ता हो रही थी। इसमें मुख्य सचिव के दो स्टाफ ऑफिसर, वित्त विभाग के एक विशेष सचिव व राजस्व परिषद से जुड़े अधिकारी शामिल रहे। समझौते की पृष्ठभूमि में लेखपालों की कई नई मांगों पर भी कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।

 

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