तीन तलाक पर बिल लोकसभा में पेश, कोई संशोधन नहीं लाएगी कांग्रेस, सिर्फ सुझाव देगी

नई दिल्ली। तीन तलाक देने पर सजा के प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बिल पेश किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. सरकार महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए इस बिल को ला रही है. RJD, BJD समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया. विपक्षी पार्टियों ने बिल में सजा के प्रावधान को गलत बताया है.

कांग्रेस पार्टी ने तीन तलाक पर इस बिल का समर्थन का ऐलान किया है. कांग्रेस बिल पर कोई संशोधन नहीं लाएगी. कांग्रेस की ओर से सरकार को सिर्फ सुझाव दिए जाएंगे, और सरकार का इस मुद्दे पर समर्थन किया जाएगा.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है. ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?

लाइव अपडेट्स –

12:44 PM: विपक्ष की आपत्तियों पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, ये सम्मान नारी का है.

This bill violates fundamental rights & lacks legal coherence: Asaduddin Owaisi in Lok Sabha 

12:39 PM: बीजेडी ने तीन तलाक बिल का विरोध किया.

12:37 PM: RJD ने तीन तलाक बिल में सजा के प्रावधान का विरोध किया.

12:35 PM: असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है. ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?

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Delhi: Inside visuals of BJP Parliamentary party meting underway at Parliament’s Library Building.

09:43 AM: सत्र से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक, पीएम मोदी, राजनाथ सिंह पहुंचे.

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Delhi: PM Modi & HM Rajnath Singh arrive for BJP Parliamentary party meting at Parliament’s Library Building.

सरकार संसद में कुलभूषण मसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान के बाद तीन तलाक बिल पेश करेगी. इसे लंच के आस-पास पास कराने की कोशिश रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि तीन तलाक बिल सर्वसम्मति से पास होना चाहिए.

बीजेपी संसदीय दल की बैठक में तीन तलाक बिल पर बोलते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने को कहा था, हम उसी का पालन कर रहे हैं. उन्होंने इस बिल के बारे में सांसदों को जानकारी दी.

कांग्रेस ने किया समर्थन

पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बुधवार देर रात कांग्रेसियों इस मुद्दे पर बैठक की. सूत्रों के मुताबिक बैठक में तीन तलाक बिल के पक्ष में कांग्रेस दिखी. ऐसे में मुमकिन है कि इस बिल को पास करवाने में केंद्र सरकार को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.

दरअसल तीन तलाक विधेयक को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रीस्तरीय समूह ने तैयार किया है जिसमें मौखिक, लिखित या एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिये किसी भी रूप में तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत को अवैध करार देने और पति को तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है.

इस विधेयक को इस महीने ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. यह विधेयक पिछले हफ्ते पेश किया जाना था लेकिन संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा था कि इसे अगले सप्ताह पेश किया जाएगा.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सरकारी बिल नापसंद

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया है. बीते रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई. कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया.

इतना ही नहीं ट्रिपल तलाक पर लाए जा रहे इस बिल को बोर्ड ने महिला विरोधी बताया है. साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है. बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया है.

कैसा होगा बिल?

गौरतलब है कि सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है. ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा. इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा.

इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा. जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा. इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली,  सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे.

ऐसा है प्रस्तावित बिल

– एक साथ तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैरकानूनी होग

– ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा.

– यह कानून सिर्फ ‘तलाक ए बिद्दत’ यानी एक साथ तीन बार तलाक बोलने पर लागू होगा.

– तलाक की पीड़िता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी.

– पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है. मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे.

– यह प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है.

 

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