तीसरे मोर्चे की ‘खिचड़ी पकाने’ दिल्ली में ममता, शरद पवार की टी-पार्टी में पहुंचीं

नई दिल्ली। तीसरे मोर्चे की ‘खिचड़ी पकाने’ के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच चुकी हैं. यहां आने के साथ ही वह थर्ड फ्रंट के लिए समर्थन जुटाने में लग गई हैं. सोमवार शाम को ममता बनर्जी एनसीपी नेता शरद पवार के घर पर चाय पार्टी में पहुंचीं.

2019 में होने वाले आम चुनाव में मोदी सरकार का सामना करने के लिए कई सियासी दल मंगलवार को भी दिल्ली में एनसीपी नेता शरद पवार के घर पर डिनर में एकजुट होंगे. सोनिया गांधी और शरद पवार की डिनर डिप्लोमेसी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी तीसरे मोर्चे की धुरी मानी जा रही हैं.

दिल्ली में आते ही उन्होंने कहा कि मैं यहां दूसरे दलों के नेताओं से मिलने के लिए आई हूं. उन्होंने किसी नेता का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि कई लोगों से वे मिलेंगी. उन्होंने बताया कि कल वे सेंट्रल हॉल में सांसदों से मिलेंगी. उन्होंने इसे एक औपचारिक मुलाकात भर बताया.

ममता बनर्जी ने दिल्ली के लिए रवाना होने से ठीक पहले आजतक से खास बातचीत में बताया कि वह दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान संसद भी जाएंगी. उन्होंने अपने दिल्ली दौरे के बारे में स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके बयानों के कई मतलब निकाले जा सकते हैं.

ममता ने कहा, ‘दिल्ली एजेंडा जैसा कुछ नहीं है. मैं दिल्ली आने पर संसद भी जाती रहती हूं, अगर संसद चल रही हो तो. हमारे 46 सांसद हैं. मुझे उनके साथ संवाद करने का मौका भी मिल जाता है. मैं खुद सात बार सांसद रही हूं, मैं कई राजनीतिक दलों के नेताओं को भी जानती हूं.’

तृणमूल कांग्रेस की शीर्ष नेता ने कहा, ‘संसद का सेंट्रल हॉल नेताओं की मुलाकात के लिए ही जाना जाता है. यह मेरा सामान्य दौरा है. हां, अगर कोई नेता मुझसे मिलना चाहता है तो वह भी मिल सकता है.’ ममता के इस बयान का आशय निकाला जा रहा है कि वह बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष को दिशा देने के लिए देश की राजधानी में पहुंची हुई हैं.

ममता बनर्जी ने अपने इस दौरे पर नेताओं की मुलाकात और उनके लिए समय खुला छोड़ा हुआ है. इससे भी मतलब निकाला जा सकता है कि वह ‘थर्ड फ्रंट’ के लिए कितनी गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहेगा वह उन सभी नेताओं से मिलेंगी.

कांग्रेस नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मुलाकात के बारे में ममता ने कहा कि उन्हें सोनिया की सेहत की चिंता है. पहले सोनिया ठीक हो जाएं, तब वह उनसे मिलेंगी. ममता ने कहा कि वह चाहती हैं कि सोनिया जल्द से ठीक हो जाएं. ममता से इतर सोनिया गांधी भी बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट कर रही हैं.

हाल के दिनों में जिस तरह से राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं, उससे माना जा रहा कि तीसरे मोर्चे के अगुवा के रूप में ममता बनर्जी के नाम पर सभी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है. कुछ दिनों पहले ही तेलंगाना के सीएम और टीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव कोलकाता जाकर ममता बनर्जी से मिले हैं. ऐसे संकेत हैं कि दोनों के बीच एक गैर कांग्रेसी, गैर बीजेपी ‘संयुक्त मोर्चा’ बनाने पर बातचीत हुई है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी ममता बनर्जी की कद्र करते हैं. बीते कुछ दिनों में ममता बनर्जी गाहे-बगाहे कहती भी रही हैं कि सभी दलों के बड़े नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं. ऐसे में माना जा रहा कि वे ये संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि अगर तीसरा मोर्चा बना तो उसके लीडर के रूप में उनकी दावेदारी सबसे ज्यादा रहेगी. फिलहाल दिल्ली में उनकी सक्रियता इसी मायने में देखी जा रही है.

 

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