तूतीकोरिन : स्टरलाइट फैक्ट्री होगी बंद, जाएंगी 50,000 नौकरियां
नई दिल्ली। तमिलनाडु के तुतीकोरिन में वेदांता लिमिटेड के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को लेकर बीते हफ्ते भारी बवाल हुआ था. पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की जान चली गई थी. पूरे हफ्ते विरोध प्रदर्शन चला. भारी विरोध के बाद राज्य सरकार ने स्टरलाइट फैक्ट्री को बंद करने का फैसला किया है. लेकिन इसका खामियाजा 800 छोटे उद्यमों को भुगतना पड़ेगा. ये उद्यम बिजली क्षेत्र से जुड़े हैं. इससे करीब 50 हजार नौकरियां जाने का भी खतरा उप्पन्न हो गया है. इस फैक्ट्री में बनने वाला कॉपर देश के तांबा उद्योग में 40 फीसदी का योगदान करता है. देश में कुल 10 लाख टन तांबा का उत्पादन होता है.
इन उद्यमों पर पड़ेगी सबसे ज्यादा मार
स्टरलाइट फैक्ट्री को अगर वेदांता ने बंद कर दिया तो इससे केबल बनाने वाले, वाइंडिंग वायर यूनिट और ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरर के कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. ये इकाइयां देश के पश्चिम और उत्तर क्षेत्र में स्थित हैं. इस बंदी का असर देश के तांबा निर्यात पर भी पड़ेगा. तूतीकोरिन प्लांट से करीब 1.6 लाख टन कॉपर का निर्यात होता है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि देश में तांबे की खपत बढ़ रही है. बीते 5 साल में मौजूदा स्थानीय मांग में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
3 बड़ी फैक्ट्रियों में से एक है स्टरलाइट यूनिट
देश में इस समय तांबा उत्पादन में 3 बड़ी कंपनियां-इंडियन कॉपर इंडस्ट्री, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लगी हुई हैं. हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड केंद्रीय उद्यम है. यहां हर साल 99,500 टन तांबे का उत्पादन होता है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक वहीं हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और स्टरलाइट कॉपर में क्रमश: 5 लाख टन व 4 लाख टन तांबे का उत्पादन होता है. देश के कुल तांबा उत्पादन का 40 फीसदी चीन को निर्यात होता है. तूतीकोरिन प्लांट बंद होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 50 हजार नौकरियां प्रभावित होंगी.
22 साल से चल रहा है स्टरलाइट संयंत्र
वेदांता लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. यह बीते 22 साल से काम कर रहा है. कंपनी ने कहा कि हम सरकार के निर्देश को पढ़ने के बाद कोई फैसला करेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी इस संयंत्र का विस्तार करने की योजना बना रही थी. इस पर काम चल भी रहा था. इससे इसकी उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगी. लेकिन अब इसे बंद करने के फैसले से निर्माण उद्योग पर असर पड़ेगा. स्थानीय लोगों का आरोप है कि संयंत्र के चलने से इलाके का ग्राउंड वाटर लेवल गिर रहा है.
प्रदर्शन में हुई थी 13 की मौत
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 22 मई को स्टरलाइट फैक्ट्री के खिलाफ करीब 20,000 लोग इकट्ठा हो गए थे. भीड़ फैक्ट्री को बंद करने की मांग कर रही थी. लोगों का आरोप था कि प्लांट से इलाके का पानी दूषित हो रहा है. साथ ही हवा में बढ़ते प्रदूषण के कारण नई-नई बीमारियां हो रही हैं. उग्र प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थीं. इसमें अब तक 13 लोगों की जान चली गई थी.
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