तेलंगाना में मानव तस्कर गैंग का पर्दाफाश, ऐसे फंसाते थे सुंदर महिलाओं को

तेलंगाना। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चल रहे मानव व्यापार का एक बड़ा गैंग पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग ने 100 से ज्यादा लोगों को दुबई, मस्कट, कुवैत, कतर और बहरीन में ले जाकर बेच दिया. इस गैंग के 5 सदस्यों को राचाकोंडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. हालांकि गैंग के बाकी 7 सदस्य अरब देशों में हैं.

पकड़े गए मानव तस्करों ने पूछताछ में बताया है कि अकेले ईस्ट और वेस्ट गोदावरी जिले में ही उनके 50 से ज्यादा लोकल एजेंट्स हैं. ये एजेंट गरीब परिवार की सुंदर महिलाओं को अरब देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके पास लाते हैं.

सुंदर महिलाओं को फंसाते हैं एजेंट

अरब देशों में बच्चों की देखभाल के लिए घरों में काम करने वाली नौकरानी का काम दिलाने के नाम पर गैंग के एजेंट्स ज्यादातर गरीब परिवार की सुंदर महिलाओं को फंसाते थे. फिर बड़ी ही चालाकी से जॉब वीजा के बजाय टूरिस्ट वीजा पर महिलाओं को अरब देशों में भेजकर बेच देते थे.

अगर महिला और उसका पति दोनों नौकरी के लिए जाना चाहते थे, तो दोनों अलग-अलग दाम पर मैनपावर मैनेजमेंट एजेंसियों को बेच देते थे. इतना ही नहीं, जॉब वीजा दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से पहले हिंदुस्तान में ही मोटी रकम ऐंठ ली जाती थी.

                                                                            तस्करों के पास मिले पैसे और डॉक्यूमेंट्स
 इस तरह हुआ गैंग का पर्दाफाश

गैंग का पर्दाफाश तब हुआ जब दुबई से लौटकर आई हैदराबाद की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. महिला को दुबई में 20 हजार रुपये महीना और उसके पति को 40 हजार रुपये महीना की तनख्वाह पर एक ही जगह काम दिलाने का झांसा दिया गया था.

एजेंट ने पति-पत्नी से 3 लाख 50 हजार रुपये जॉब वीजा दिलाने के नाम पर ऐंठा. फिर पहले पत्नी को और कुछ दिनों बाद पति को दुबई भेज दिया. वहां दोनों को मैनपावर मैनेजमेंट एजेंसी को लाखों रुपये में बेच दिया गया.

घटकेसर पुलिस थाने में दर्ज हुई थी शिकायत

महिला का जब यौन शोषण करने की कोशिश हुई तो उसने और उसके पति ने वहां रहने से इनकार कर दिया. लेकिन तब तक उनका टूरिस्ट वीजा खत्म हो चुका था. पीड़ित पति-पत्नी को जब पता चला कि उन्हें ठगा गया है तो उन्होंने हैदराबाद में अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी.

परिवार और रिश्तेदारों ने मिलकर लोकल एजेंट पर दबाव बनाया तो गैंग ने महिला को भारत भेज दिया. महिला ने हैदराबाद के घटकेसर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवा दी. एजेंट्स को जब पता चला तो उन्होंने पति को भी वापस बुलवा लिया.

हाथ पर हाथ धरे बैठी रही पुलिस

पुलिस में जून 2017 में केस दर्ज कराया गया, लेकिन इस मामले में पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. 6 महीने में मानव तस्करी में शामिल किसी भी एजेंट को गिरफ्तार नहीं किया गया. कुछ दिन पहले पीड़ित महिला ने फिर हिम्मत दिखाई और इस मामले की शिकायत राचाकोंडा पुलिस कमिश्नर से कर दी.

कमिश्नर ने स्पेशल ऑपरेशन टीम को मामले की जांच सुपुर्द कर दी और जांच अधिकारी शुभम कुमार को निलंबित कर दिया. एसओटी ने कुछ दिनों में ही मानव तस्करी में शामिल 5 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. गैंग के किंगपिन श्रीनू बाबू समेत बाकी 7 सदस्यों के प्रत्यर्पण के लिए पुलिस ने विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है.

 

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