त्वरित तीन तलाक: कांग्रेस ने कहा, पूरा विपक्ष इसके खिलाफ, बिल से महिलाओं का नहीं, बीजेपी का फायदा

नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश होने के बाद जबर्दस्त हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इस बिल में सुधार के लिए इसे सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की। हालांकि मोदी सरकार ने इससे इनकार कर दिया। इस बीच राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। उधर कांग्रेस ने बिल को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी समेत पूरा विपक्ष त्वरित तीन तलाक के खिलाफ है, लेकिन बीजेपी राजनीतिक फायदा लेने की जल्दबाजी में है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सबसे पहले तो एक चीज स्पष्ट है कि कांग्रेस और पूरा विपक्ष त्वरित तीन तलाक के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस बिल से मुस्लिम महिला को पूरी तरफ इंसाफ नहीं मिलता, हां इससे बीजेपी को राजनीतिक फायदा जरूर हो सकता है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जो कानून बनाया है उसमें पति 3 साल के लिए जेल जाएगा जबकि महिला को गुजारा खर्चा देने का जिम्मा भी पति का है। उन्होंने कहा, ‘यह गुमराह करने वाला और महिला के साथ नाइंसाफी करने वाला है।’ बीजेपी पर निशाना साधते हुए आजाद ने कहा, ‘यह सरकार सलाह, बातचीत पर विश्वास नहीं करती।’

आजाद ने कहा कि सिलेक्ट कमिटी का फ़ैसला दलों के बहुमत के आधार पर होता है, हमारे साथ राजनीतिक दलों का और सांसदों का भी बहुमत है। गौरतलब है कि बुधवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में पेश किया। इसके बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद राज्यसभा की पूरी कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई।

जेटली बोले, कांग्रेस के विरोध के रवैये के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय
उधर, सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विरोध के रवैये के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय होता रहेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि देश में जो जनमत है, उसके कारण अंतत: कांग्रेस और सभी राजनीतिक दलों को इस विधेयक का समर्थन करना पड़ेगा।

जेटली ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘विपक्ष अप्रत्यक्ष तरीके से तीन तलाक वाले विधेयक का विरोध कर रहा है। यह दिखावा था कि उन्होंने (इसके पक्ष में) बयान दिया और लोकसभा में इसका समर्थन किया। आज राज्यसभा में उन्होंने पूरा प्रयास किया कि किसी तरह यह विधेयक पारित न हो।’ उन्होंने कहा, यदि विधेयक में सुधार के लिए पार्टी का कोई सुझाव है तो वह हमें दे सकते हैं। किन्तु उनका कोई सुझाव नहीं है। अभी तक उन्होंने सार्वजनिक रूप से भी कोई सुझाव नहीं दिया।

 

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