दिल्ली: 11 मौतों के पीछे परिवार के छोटे बेटे ललित पर शक, तंत्रमंत्र की तरफ इशारा करती हैं रजिस्टर में लिखी बातें

नई दिल्ली। बुराड़ी में हुए एक ही परिवार के ग्यारह लोगों की मौत की गुत्थी सुलझ नहीं रही है. सूत्रों के मुताबिक घर से छोटे बेटे ललित पर पुलिस को शक है. पूरे परिवार को खत्म करने के पीछे ललित का हाथ हो सकता है. डायरी और रजिस्टर में लिखी बातें और शव से लेकर घर की स्थिति तंत्रमंत्र और अंधविश्वास की तरफ इशारा करती है. बता दें कि कल शाम पूरे परिवार का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

फोन डिटेल्स और ललित का इतिहास खंगाल रही है पुलिस

पुलिस पूरे घर वालों के फोन डिटेल्स और खासकर ललित का इतिहास खंगाल रही है. पुलिस ललित के दोस्तों के अलावा वो फोन पर किस किससे बात करता था? किन लोगों से मिलता था? क्या भाई बहन से कोई मनमुटाव था? भाई बहनों और परिवार के बच्चों से ललित का व्यवहार कैसा था? इन बातों के जवाब तलाश कर रही है. भाटिया परिवार में एक छत के नीचे तीन पीढ़ियां एक साथ रहती थीं. एक झटके में सब खत्म हो गईं.

वो 11 लोग कौन हैं जिनकी मौत रहस्य बनी हुई है?

 

 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक डायरी और रजिस्टर से मिली जानकारी से शक परिवार के ही सदस्य पर जाता है. रजिस्टर में क्या लिखा है?

रजिस्टर में लिखा खाना बाहर से मंगवाना है.

सच- भाटिया परिवार ने परसों रात खाना बाहर से ही मंगवाया था, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी से हुई है.

रजिस्टर में लिखा- पट्टियां अच्छे से बंधी होनी चाहिए. शून्य के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए.

सच- जो 10 लाशें लटकी थीं सबकी पट्टियां मजबूती से बंधी थी.

रजिस्टर में लिखा रस्सी के साथ सूती चुन्नियों या साड़ी का प्रयोग करना है.

सच- सभी मरने वालों के हाथों में चुन्नियां बधी हुई थीं.

रजिस्टर में लिखा- फोन का इस्तेमाल नहीं करना है.

सच- करीब छह फोन साइलेंट मोड पर एक जगह रखे मिले हैं.

रजिस्टर में लिखा- कान में रूई डालनी है.

सच- पुलिस को शवों के कान से रूई भी मिली है.

रजिस्टर में लिखा- बेब्बे खड़ी नहीं हो सकतीं तो अलग कमरे में लेट सकती हैं.

सच- मां नारायण देवी का शव दूसरे कमरे में जमीन पर पड़ा मिला.

रजिस्टर में लिखा- हाथों की पट्टियां बच जाएं तो उसे आंखों पर डबल कर लेना.

सच- कुछ शवों के आंधों पर मोटी पट्टी भी बंधी थी.

तांत्रिक की तलाश में पुलिस

परिवार के छोटे बेटे ललित की आवाज को लेकर भी पूजा पाठ करने से लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन परिवार की दूसरी बेटी का कहना है कि डॉक्टर से इलाज के बाद ललित की आवाज वापस आई थी न कि किसी पूजा पाठ से. घर के अंदर की स्थिति, डायरी और रजिस्टर में दर्ज बातें हों या फिर ललित की आवाज का मामला. पुलिस को शक है कि अंधविश्वास के चक्कर में पूरे परिवार की जान चली गई है. पुलिस इस तलाश में है कि क्या कहीं किसी तांत्रिक ने ऐसा करने के लिए उकसाया है.

दम घुटने से हुई थी मौत- पोस्टमार्टम रिपोर्ट

ज्वाइंट सीपी क्राइम ब्रांच आलोक कुमार ने बताया है कि सभी 11 शवों के पोस्टमार्टम हो चुके हैं. रिपोर्ट बताती है कि ये आत्महत्या है. सभी की मौत दम घुटने से हुई थी. फिलहाल आगे की जांच जारी है. पुलिस के सूत्रों ने बताया कि भाटिया परिवार मरना नहीं चाहता था. पुलिस को घर जो रजिस्टर बरामद हुआ है उसमें लिखी बातों और मौका ए वारदात से मिले सबूतों के मुताबिक परिवार मुंह और हाथ पर पट्टी बांध कर एक अनुष्ठान कर रहा था. पुलिस सूत्रों की माने तो शायद भाटिया परिवार को इस बात का अंदाजा था कि वो बच जाएंगे.

ललित के सपने में आते थे पिता!

दरअसल मृतक ललित के मुताबिक उसके पिता सपने में आते थे और उसे बताते थे कि क्या करना है, पैसा कहां लगाना? सूत्रों के मुताबिक रजिस्टर में लिखा है, ”पिताजी ने कहा है कि आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज कर देना मैं तुम्हे बचा लूंगा. जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे की नीचे उतरने में मदद करना, तुम मरोगे नहीं बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे.” पुलिस सूत्रों के मुताबिक घर में हवन हुआ था एक बोतल में पानी भी रखा था. सूत्रों का यह भी कहना है कि ललित और उसकी पत्नी टीना के हाथ नहीं बंधे हुए थे.

कैसे हुआ खुलासा?

मृतक परिवार भाटिया परिवार के नाम से जाना जाता था और बुराड़ी के संत नगर में अपने दोमंजिले घर में एक ग्रॉसरी की दुकान और प्लाइवुड की दुकान चलाता था. पुलिस अधिकारी ने बताया, “दुकान रोजाना सुबह छह बजे खुल जाती थी लेकिन जब आज सुबह 7.30 बजे तक दुकान नहीं खुली तो एक पड़ोसी ने इसका कारण जानने के लिए घर के भीतर देखा तो पाया कि घर के कई लोग आंगन की जाली से लटके हुए हैं. पड़ोसी ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी.”

सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने आसपास के लोगों से भी पूछताछ की है. फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंच कर सबूत जुटाए हैं, घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ.

 

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