देश की दो बड़ी जांच एजेंसियों ED और CBI के कारनामे लोकतंत्र के लिए खतरनाक

नई दिल्ली। देश की दो बाई जाँच एजेंसियों की साख इस दौर में लगातार गिरती जा रही है। देश की सबसे प्रीमियर जाँच एजेंसी सीबीआई की छवि जहाँ पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के 2 जी मामले में लिप्त होने के बाद धूमिल हुई तो दूसरी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छवि चिटफंड कंपनी रोजवैली के भ्रष्टाचार में उसके अधिकारी का नाम आने से धूमिल हुई।

रोजवैली प्रमुख गौतम कुंडू की पत्नी शुभ्रा कुंडू के साथ ईडी के अफसर मनोज कुमार की तस्वीरें सामने आने के बाद ईडी ने उन्हें रोजवैली मामले की जांच से अलग कर दिया है।

एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों से मारन बंधुओं को मुक्त किये जाने के फैसले के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालन (ईडी) भले सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यह घटनाक्रम जहाँ मारन बंधुओं के लिए बड़ी राहत है, वहीँ सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को इससे बड़ा झटका लगा है। ये दोनों संस्थाएं इस मामले की कई वर्षों से जाँच कर रही थी।

एयरसेल मैक्सिस मामले में विशेष अदालत ने उन सबूतों पर भी कड़े सवाल खड़े किये हैं जिनमे जिन्हें इस मामले में आधार बनाया गया था। कोर्ट न्र इस मामले में नौकरशाही पर भी सख्त टिपण्णी की है। अदालत ने कहा कि सीबीआई अफसरों अधिकारियों के दर्ज कराये गए बयानों और उनके मौखिक बयानों में जमीन आसमान का फर्क है।

कोर्ट ने कहा इस बात में कोई शक नही है कि सीबीआई के सामने बयान दर्ज कराते वक्त अधिकारी डरे हुए थे। जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने हवाहवाई और मनमाने तरीके से सबूतों के आधार पर केस दर्ज किया।

 

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button