नई दिल्ली : सुदर्शन टीवी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया एक और मौका, जाने यह वजह

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘यूपीएससी जिहाद‘ के मामले सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अंतर मंत्रालय समिति ने यूपीएससी जिहाद कार्यक्रम के आगे के एपिसोड के प्रसारण पर सलाह देते हुए अपनी कुछ अतिरिक्त सिफारिशें दी हैं। केंद्र ने कहा कि सुदर्शन न्यूज को समिति की सिफारिशों को संबोधित करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से स्थगन की मांग वाले एक पत्र नई दिल्ली : सुदर्शन टीवी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया एक और मौका, जाने यह वजह के जरिए सुनवाई को टालने का अनुरोध किया, जिसके बाद न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने इसकी अनुमति दे दी। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि समिति द्वारा सिफारिशों के आधार पर सोमवार को समाचार चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, और इस पर सुनवाई मंगलवार को होगी।

सुदर्शन टीवी कार्यक्रम पर 15 सितंबर को रोक लगा दी गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई टालने के आग्रह करते हुए बताया था कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने चैनल को प्रोग्राम कोड के उल्लंघन के लिए नोटिस भेजा गया है और 28 सितंबर को शाम 5 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है. इस जवाब के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

सुदर्शन न्‍यूज ने इस शो में ‘सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की घुसपैठ की साजिश’ के बड़े एक्‍सपोज का दावा किया गया है. चैनल के प्रमुख सुरेश चव्‍हाणके ने UPSC (Union Public Service Commission) के लिए “UPSC जिहाद” शब्‍द गढ़ा था. यूपीएससी शीर्ष स्‍तर के ब्‍यूरोक्रेसी जॉब्‍सके लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है.

छह एपिसोड्स पर लगी रोक

इस प्रोग्राम के अब तक प्रसारित किए गए एपिसोड्स में कथित तौर पर मुस्लिमों की प्रशासनिक और पुलिस सेवा में घुसपैठ बताया गया है। टीवी के प्रोग्राम ‘बिंदास बोल’ को लेकर जब विवाद बड़ा तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने बाकी के छह एपिसोड्स पर रोक लगा दी थी।

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केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अंतर मंत्रालयी समूह की अनुशंसा पर इस प्रोग्राम को लेकर टीवी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली को सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि अंतर मंत्रालयी समूह ने चैनल के प्रतिनिधियों की भी सुनवाई की है। मेहता के हलफनामे को संज्ञान लेते हुए बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर तक के लिए टाल दी है।

 

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