नर्मदा सेवा यात्रा: शिवराज ने बेटे कार्तिकेय को ‘लांच’ किया

भोपाल। नर्मदा संरक्षण के लिए नर्मदा सेवा यात्रा निकाल रहे शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपने गांव जैत में आयोजित ‘भव्य समारोह’ में नर्मदा के साथ-साथ अपने परिवार के संरक्षण और संवर्धन की भी शुरुआत की। जैत गांव में नर्मदा तट पर हजारों लोगों की मौजूदगी में उन्होंने अपने बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह को सार्वजनिक जीवन (राजनीतिक जीवन) में लांच किया। कार्तिकेय ने अपने माता-पिता की मौजूदगी में राज्य सरकार के मंत्रियों से पहले अपना पहला राजनीतिक भाषण दिया। इसमें उन्होंने अपने पिता की नर्मदा सेवा भावना की जमकर तारीफ की। उनके भाषण के दौरान मंच पर मौजूद उनकी मां उन्हें अपलक निहारती रहीं। खुद शिवराज सिंह भी बेटे के पहले भाषण को सुनकर गदगद नजर आए।

कार्तिकेय के फेसबुक स्टेटस के मुताबिक वे बुधनी और विदिशा विधानसभा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने गुड़गांव के पाथवे वर्ल्ड स्कूल के साथ-साथ पुणे के सिम्बायोसिस लॉ स्कूल से पढ़ाई की है। फिलहाल वे पुणे में ही रहते हैं। फेसबुक पर उनके 3633 फॉलोअर हैं। कार्तिकेय लंबे समय से अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में सक्रिय रहे हैं। लेकिन जिस तरह सोमवार को शिवराज सिंह ने उन्हें ‘लांच’ किया उससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं हैं।

नर्मदा यात्रा के स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुरारी बापू के अलावा सत्तारूढ दल से जुड़े प्रदेश के अधिकांश नेता मौजूद थे। इन सब की मौजूदगी में स्वागत भाषण कार्तिकेय ने दिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकारी मशीनरी लंबे समय से सक्रिय थी। सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च भी हुए। सिर्फ कार्तिकेय के भाषण ने शिवराज की नर्मदा सेवा को ‘परिवार सेवा’ से जोड़ दिया। हालांकि उन्होंने अधिकृत तौर पर अपने बेटे के भाषण पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ना ही उनकी पार्टी के किसी नेता ने कोई सवाल उठाया है। लेकिन वंशवाद और परिवारवाद का विरोध करने वाली बीजेपी के पुरानी पीढ़ी के नेताओं को थोड़ा अटपटा जरूर लगा है।

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जब किसी नेता का बेटा या परिजन सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में प्रवेश कर रहा है। इससे पहले मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सकलेचा, कैलाश जोशी, सुंदरलाल पटवा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजयाराजे सिंधिया, वरिष्ठ नेता कैलाश सारंग, लक्ष्मीनारायण पाण्डे आदि के बेटे या परिजन राजनीति में आए हैं। उन्हें संगठन और सरकार में पद भी मिले हैं, लेकिन जिस तरह नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान शिवराज ने अपने बेटे को जनता के सामने किया है उसे उचित नहीं कहा जा सकता। फिलहाल कार्तिकेय को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या शिवराज सिंह 60 साल की उम्र में राजनीति से सन्यास लेने की सोच रहे हैं।

 

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