नशेड़ियों पर पीएम मोदी का ब्रह्मपाश, बंद होगा ‘धुएं’ का व्यापार !

नई दिल्ली। देशभर के सड़कों गली मोहल्लों , यहां तक कि घर में भी अंदर तक एक बीमारी घर चुकी है। ये बीमारी है धुएं की, वो जानलेवा धुंआ जो ना जाने कितने ही लोगों को मौत के मुंह में धकेल चुका है। वो धुआं जो ना जाने कितने घरों को बर्बाद कर चुका है। वो धुआं जो ना जाने कितने मासूमों के सिर से बाप का साया उठा है। वो धुंआ है तंबाकू का, यानी बीड़ी और सिगरेट का धुआं। अब सवाल ये उठता है कि इस जानलेवा धुएं पर लगाम लगाएगा कौन ? आखिर कैसे इस धुंए पर काबू पाया जाएगा। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास प्लान तैयार कर दिया है। इस प्लान को बनाने में पीएम मोदी का हालांकि थोड़ा वक्त जरूर लगा, लेकिन आखिरकार ये प्लान अपनी कामयाबी के बेहद करीब पहुंच चुका है।

कुल मिलाकर देखें तो धुएं का छल्ला बनाकर उड़ाने वालों के लिए ये खबर किसी बुरी खबर से कम नहीं है। दरअसल तंबाकू प्रोडक्ट्स पर कई कड़े कानून बनाने के बाद देशभर में दिख रहा है कि इसका इस्तेमाल करने वालों की कोई कमी नहीं हो रहा है। इसलिए भारत सरकार अब बड़ी तंबाकू कंपनियों को मिलने वाली आर्थिक मदद भी बंद करने जा रही है। कुल मिलाकर सरकार की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद अब देश की बड़ी तंबाकू कंपनियों को नहीं मिल पाएगी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर अचानक ये फैसला क्यों लिया गया है। आपको यहां ये भी याद दिला दें कि  भारत सरकार पहले ही तंबाकू प्रोडक्ट्स पर ज्यादा टैक्स लगा चुकी है और इसके साथ ही तंबाकू प्रोडक्ट्स पर वैधानिक चेतावनी वाला साइज भी बढ़ा चुकी है।

इन सबके बाद भी सरकार अब अपना कड़ा मन बना चुकी है कि देशभर में तंबाकू उत्पादों की बढ़ रही बिक्री पर अब लगाम लगाएगी। हुआ ये है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखा है और कहा है कि ये हर हाल में तय कर दिया जाए कि सरकारी फर्म टबैको कंपनियों में निवेश एक भी रुपये का ना करे। इसके लिए सरकार ने देशभर में तंबाकू उत्पादों से हो रही मौतों का भी हवाला दिया है। कुल मिलाकर देशभर में तंबाकू उत्पादों से लगातार बढ़ रही बीमारियों और मौतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध नजर आ रही है। अब लग तो ये भी रहा है कि जल्द ही तंबाकू उत्पादों के दामों में इतनी बढ़ोतरी होने वाली है कि इस खरीदने वालों को इसके सेवन के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी।

इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को ये भी सलाह दी है कि सरकार द्वारा तंबाकू कंपनियों में पहले किए गए निवेश को भी वापस लेने की कोशिश की जाए। कुल मिलाकर तंबाकू कंपनियों के लिए बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। तंबाकू कंपनियों में निवेश करने के बाद लग रहा था कि भारत अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन कर रहा है। दरअसल भारत अब तक तंबाकू कंपनियों में निवेश कर रहा है और इस तरह से वो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतर्राष्ट्रीय समझौते यानी FCTC को तोड़ रहा है। आपको यहां ये भी बता दें कि भारत समेत 180 देशों ने FCTC के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हुए हैं। भारत में सरकारी कंपनियां जैसे एलआईसी भी इंडियन टोबैको कंपनी में शेयर होल्डर है। एक रिपोर्ट ये भी कहती है कि इंडियन टोबेको कंपनी में देशभर की सरकारी कंपनियों की 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।

 

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