पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने माना, मुरथल में हुआ था कईयों के साथ ‘गैंगरेप’

नई दिल्ली। लंबे समय से इस बात पर बहस चल रही थी कि हरियाणा के जाट आंदोलन के दौरान सोनीपत के मुरथल में महिलाओं के साथ सामुहिक बलात्‍कार हुआ था या नहीं। लेकिन, अब एक बार फिर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को सख्‍त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मुरथल कांड को सच माना है और इस मामले की छानबीन कर रही एसआईटी यानी स्‍पेशल इंवेस्‍टीगेशन टीम को निर्देश दिया है कि जल्‍द ही अपनी कार्रवाई को पूरा कर दोषियों को गिरफ्तार करे। इससे पहले इस मामले पर हरियाणा की राजनीति भी दो धडों में बंट गई थी। जहां एक ओर ये दावा किया जा रहा है था ऐसा कुछ भी नहीं हुआ हैं वहीं दूसरी ओर कोर्ट के सामने ऐसे सबूत पेश किए गए जिससे ये साबित होता था कि मुरथल में अधर्म जरुर हुआ।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में स्‍वत: संज्ञान लिया था। इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि चश्मदीदों के बयान और मुरथल में महिलाओं के अंडर गारमेंट्स का मिलना ये साबित करता है कि यहां पर महिलाओं के साथ दुराचार हुआ है। दरसअल पिछले साल फरवरी महीने में हरियाण के जाट समुदाय के लोगों ने आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन शुरु कर दिया था। लेकिन, देखते ही देखते ये आंदोलन काफी उग्र हो गया था। जिसमें कई लोग मारे भी गए थे। हरियाणा के जाट बाहुल्य इलाकों में जमकर उपद्रव हुआ था। रोहतक, भिवानी, झज्‍जर, सोनीपत, हिसार समेत कई जिलो में गैर जाटों की संपत्तियों को जलाकर राख कर दिया गया था। इतना ही सरकारी संपत्ति का भी काफी नुकसान किया गया था।

इसी हंगामे के दौरान आरोप ये भी लगे थे कि चंडीगढ़-दिल्‍ली नेशनल हाईवे पर आंदोलनकारियों ने अपना कब्‍जा कर लिया था। मुरथल के ढाबों पर अचानक भीड़ ने हमला कर दिया था। यहां पर उन लोगों को निशाना बनाया गया जो लोग कहीं बाहर से आ रहे थे यहां पर फंस गए थे। कई चश्‍मदीदों ने अपने बयान में ये दावा किया था कि भीड़ में शामिल कुछ अराजक तत्‍वों ने कार और ऑटो से महिलाओं को खींच लिया था और खेत की ओर ले गए थे। जहां उसके साथ सामुहिक दुष्‍कर्म किया गया था। घटना वाली जगह से महिलाओं के अंत: वस्‍त्र भी मिले थे। कुछ ट्रक ड्राइवरों ने भी इस तरह की घटना की पुष्टि की थी। इसके बाद हाईकोर्ट और एसआईटी की ओर से अपील की गई थी कि जो महिलाएं मुरथल में वहशियों की शिकार बनी हैं वो सामने आए और अपनी शिकायत दर्ज कराएं।

उनकी पहचान को गुप्‍त रखा जाएगा। इस तरह की कुछ शिकायतें भी सामने आई थीं। जिसकी पड़ताल खुद स्‍पेशल इंवेस्‍टीगेशन टीम ने की थी। इस पूरे मामले में कोर्ट ने पुलिस की भूमिका को भी संदिग्‍ध माना था। लेकिन, मुरथल की सच्‍चाई सामने आने के बाद कई लोगों के चेहरे बेनकाब हो गए थे। वहीं जाट नेताअों ने भी इस तरह के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद करार दिया था। उनका कहना था कि ये सब जाट समुदाय के लोगों को बदनाम करने की साजिश है। जाट आंदोलन उग्र जरुर था लेकिन, किसी भी महिला की इज्‍जत नहीं लूटी गई। एसआईटी ने मुरथल कांड में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था लेकिन, इन लोगों के ब्‍लड सैंपल अंडर गारमेंट पर मिले सीमेन से मैच नहीें होने के कारण इन पर से बलात्‍कार के चार्जेज हटा लिए गए थे। मुरथल केस से जुड़े सीनियर ऐडवोकेट अनुपम गुप्ता पहले से ही SIT की कार्य प्रणाली पर संदेह जता चुके हैं।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button