बलिया : कोरोना काल में अस्थाई जेल बना सामुदायिक केंद्र

 

  • स्टाफ को कमी पर जिलाधिकारी ने आईजी कारागार को लिखा पत्र
  • इसके लिए मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए थे निर्देश
Community center becomes temporary prison बलिया : जिले में अस्थाई जेल के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखपुरा को चिन्हित किया गया है। जेल स्टाफ की कमी को देखते हुए जिलाधिकारी एसपी शाही ने महानिरीक्षक कारागार, उत्तर प्रदेश को पत्र लिख इस अस्थायी जेल में आवश्यक स्टाफ की तैनाती का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में शीघ्र जगह चिन्हित कर संचालित करने के निर्देश दिए थे।
  • दरअसल, जिला जेल में बड़ी संख्या में बंदियों व स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद नए बंदियों के लिए अस्थाई जेल बनाया जाना था।
  • इसके लिए डीएम, एसपी, सिटी मजिस्ट्रेट तथा कारागार अधीक्षक ने सोमवार को कई स्थलों का निरीक्षण किया.
  • जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखपुरा को फाइनल किया गया।
  • अब यहीं पर नए व हल्के अपराधी वाले बंदियों को कुछ सामान्य परिवर्तन के साथ रखा जाएगा।
Community center becomes temporary prison जिलाधिकारी ने बताया कि :-
  • सीएससी सुखपुरा पर अस्थायी जेल संचालन के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा सुरक्षा बल, पुलिस कांस्टेबल आदि उपलब्ध कराया जाएगा।
  • लेकिन, कारागार अधीक्षक ने आंतरिक व्यवस्था के रूप में एक उप कारापाल, एक प्रभारी हेड जेल वार्डर, तीन गेटकीपर, 7 पुरुष जेल वार्डर व 3 महिला जेल वार्डर की आवश्यकता जताई।

साथ ही यह भी बताया कि स्टाफ की कमी की वजह से कारागार प्रशासन की ओर से इस अस्थाई जेल के लिए कर्मियों को उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है। इसके बाद जिलाधिकारी ने महानिरीक्षक कारागार को पत्र लिख आवश्यक स्टाफ की तैनाती का अनुरोध किया है।

कुल 224 बन्दी व 4 जेल स्टाफ हैं पॉजिटिव
  • जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जेल में कुल 812 कैदी हैं।
  • इसमें कुल 224 बन्दी पॉजिटिव मिले हैं, जिसमें एक महिला भी है।
  • इसके अलावा 4 जेल स्टाफ भी पॉजिटिव मिले हैं।
  • पॉजिटिव मिले बंदियों को जेल के कुल आठ बैरक में से तीन बैरक को आइसोलेशन सेंटर के रूप में बनाकर रखा गया है।
इसके लिए मेडिकल टीम लगाई गई है:-
  • गंभीर मरीजों को एल-2 व एल-3 हॉस्पिटल में भेजे जाने की पूरी व्यवस्था है।
  • उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला जेल में क्षमता से दोगुना बंदी हैं.
  • कारागार में जलजमाव की भी समस्या है।
  • ऐसे में पिछले वर्ष बन्दियों को अन्यत्र जिलों में भेजना पड़ा था।
  • इस वर्ष भी जलभराव की स्थिति हो रही है जिसे पंप लगाकर निकलवाया जा रहा है।
 

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