बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना, डॉ. मनमोहन सिंह ही जानते हैं-पीएम

नई दिल्ली। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह पर एक ऐसी टिप्पणी कर दी कि कांग्रेस सांसद वॉकआउट कर गए। पीएम नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस की तरफ से जारी पुस्तिका पर तंज कस कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन 70 साल की आजादी के अबतक के इतिहास में आधे समय तक महत्वपूर्ण आर्थिक पदों पर रहे और इस दौरान इतने घोटाले हुए, उनपर कोई दाग नहीं लगा। पीएम ने तंज कसते हुए कहा कि बाथरूम में रेनकोट लगाकर नहाना कोई डॉक्टर साहेब (मनमोहन सिंह) से सीखे।

पीएम की इस टिप्पणी के बाद राज्यसभा में हंगमा हो गया। कांग्रेस सांसद अपनी सीटों से उठकर वेल तक आ गए। वे पूर्व पीएम पर की गई इस टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। पीएम के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान दो मौके ऐसे आए जिसमें जोरदार हंगामा हुआ। पहला मौका पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर टिप्पणी के दौरान आया। पीएम नोटबंदी पर विपक्ष के सवालों का जवाब और इससे हुए फायदे का जिक्र करने के लिए खड़े हुए थे। पीएम ने पूर्व प्रशासक गोडबोले की किताब को कोट करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने अपने शासनकाल में वांगचू कमिटी की नोटबंदी की सिफारिश नहीं मानी थी। पीएम ने पुस्तक को कोट करते हुए कहा कि इंदिराजी ने कहा था कि हमें चुनाव नहीं लड़ने क्या?

पीएम इससे पहले भी बीजेपी की संसदीय बैठक के दौरान इस बात का जिक्र कर चुके हैं। बुधवार को राज्यसभा में पीएम की इस बात पर जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस सदस्यों के शोरगुल के बीच पीएम ने कहा कि उन्होंने जो कहा उसका जिक्र किताब में है, अगर उन्हें (कांग्रेसियों) कोई दिक्कत है तो केस क्यों नहीं करते। पीएम ने कहा कि मैं आपकी जगह होता तो गोडबोले जी पर केस कर देता।

पीएम ने बुधवार को दोनों संयुक्त सदन को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव से अपनी बात शुरू की। पीएम ने विपक्ष के नेताओं का आभार व्यक्त किया। पीएम ने कहा कि ज्यादातर चर्चा नोटबंदी के आसपास रही। पीएम बोले, ‘इस बात से हम इनकार नहीं कर सकते कि हमारे देश में यह बुराई (कालाधन) आई है। इससे इनकार नहीं कर सकते कि इस बीमारी ने हमारी अर्थव्यवस्था में जड़ जमा ली है। भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई कोई राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है।’

जाली नोटों और टेरर फंडिंग पर विपक्ष को घेरा
पीएम ने नोटबंदी के बाद जाली नोटों और टेरर फंडिंग के आंकड़ों से जुड़े आरोपों को लेकर विपक्ष को घेरा। पीएम ने कहा, ‘जाली नोट पर जो आंकड़े प्रचारित हैं वे जाली नोटों के बैंकों तक पहुंचने वाले आंकड़े हैं। ज्यादातर जाली नोट बैंकों तक नहीं जाते बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इसका इस्तेमाल होता है।’ पीएम ने बीते दिनों राहुल गांधी द्वारा कही गई बातों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ लोग उछल-उछल कर कह रहे हैं कि आतंकवादियों के पास से नए नोट मिले हैं। हमारे देश में नोटबंदी के बाद बैंक लूटने के जो प्रयास हुए वे जम्मू कश्मीर में हुए। नोटबंदी के बाद जो आतंकी मारे गए उनके पास नए नोट मिले, तो इन दोनों बातों में संबंध है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘8 नवंबर को जब निर्णय किया गया तो जाली नोटों के वापस आने का सवाल ही नहीं उठता था। जाली नोट तो नोटबंदी के निर्णय के साथ ही खत्म हो गए। ऐसे में लोगों (विपक्ष) के पास इसका हिसाब कैसे है यह आश्चर्य का विषय है।’ पीएम ने उन टीवी रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया जिसमें दुश्मन देशों में जाली नोटों के कारोबार करने वाले शख्स की आत्महत्या की रिपोर्टिंग की गई थी।

पीएम ने कहा, ‘हमारे देश में 30-40 दिन में 700 से ज्यादा माओवादियों ने सरेंडर किया है। यह प्रक्रिया आगे भी चल रही है। अगर माओवादी सरेंडर कर रहे हैं तो उसका संतोष इस सदन में न हो यह कैसे हो सकता है।’ इस दौरान पीछे से सीताराम येचुरी ने सवाल उठाया कि क्या नोटबंदी से माओवादी सरेंडर कर रहे हैं, तो पीएम ने तंज कसते हुए कहा कि इस मामले में तो आप ज्यादा मार्गदर्शन कर सकते हैं।

नोटबंदी के विरोध के लिए कांग्रेस पर कसे तंज
पीएम ने नोटबंदी का विरोध करने के लिए कांग्रेस पर खूब तंज कसा। पीएम ने कहा, ‘पिछले सत्र में मनमोहन सिंह ने इसपर अपने विचार रखे थे। मैंने कांग्रेस की पुस्तिका को पढ़ा। मनमोहन सिंह ने इसका फॉरवर्ड लिखा है। किताब पढ़ने पर समझ में आया कि किताब किसी और ने लिखी थी बस मनमोहन सिंह ने फॉरवर्ड लिखा। उनके भाषण में भी मुझे ऐसा ही लगा। करीब-करीब 30-35 साल से देश के आर्थिक निर्णयों में उनकी भूमिका रही। 70 साल की आजादी में आधे समय तक एक ही व्यक्ति का इतना दबदबा रहा और इतने घोटालों की बातें आईं लेकिन हम राजनेताओं को डॉक्टर साहेब से सीखने की जरूरत है कि इतना सारा हुआ और उनपर दाग तक नहीं लगा। बाथरूम में रेनकोट लगाकर नहाना कोई डॉक्टर साहब (मनमोहन सिंह) से सीखे।’ पीएम की इस बात पर कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया। इस पर पीएम ने कहा, ‘मर्यादा अगर लांघते हैं तो सुनने की भी ताकत रखिए। पराजय स्वीकार ही नहीं करना है, यह कबतक चलेगा।’

लेफ्ट को साथ आने का किया आग्रह
पीएम ने नोटबंदी के मसले पर लेफ्ट को साथ आने का आग्रह किया। पीएम ने कहा, हमारे और सीताराम जी के विचार अलग हैं, पर मेरी पूरी कल्पना थी कि सीताराम येचुरी और उनका दल इस मुद्दे (नोटबंदी) पर हमारे साथ रहेगा।’ पीएम ने येचुरी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘इसका कारण था कि आपकी ही पार्टी के नेता ज्योति बसु ने वांगचू कमिटी की रिपोर्ट सदन में रखने की लड़ाई की थी।’

पीएम ने ज्योति बसु को कोट करते हुए कहा, ‘श्रीमति इंदिरा गांधी कालेधन पर बची हुई हैं उनकी राजनीति कालेधन पर ही जीवित है, इसलिए इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। मैंने विमुद्रीकरण और अन्य उपायों की सिफारिश की है, मैं अब उन्हें दोहराना नहीं चाहता। यह सरकार कालेधन की है, कालेधन द्वारा है, कालेधन के लिए है।’ फिर पीएम ने 1981 में लेफ्ट नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के 100 रुपये के नोट बंद करने की मांग का भी जिक्र किया।

पीएम बोले, ‘खासकर, लेफ्ट से मेरा आग्रह है कि आप इस लड़ाई में मेरा साथ दीजिए। लोग इसे कड़ा फैसला बताते हैं। उनका मानना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकप्रिय फैसले ही लिए जाते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में इतने कड़े फैसले को समझने में भी थोड़ा समय लगता है। यह फैसला देश का भला करने की संभावना को लेकर आया है।’

‘विदेशी अर्थशास्त्रियों के पास इसे नापने का मापदंड ही नहीं’
पीएम ने नोटबंदी पर विदेशी अर्थशास्त्रियों की आलोचनाओं को भी खारिज किया। पीएम ने कहा, ‘नोटबंदी के संबंध में लोग विदेशी अखबारों और विदेशी अर्थशास्त्रियों को कोट कर रहे हैं। मैं भी कर सकता हूं। यह इसलिए हो रहा है कि दुनिया में इसका दूसरा उदाहरण ही नहीं है। दुनिया में इतना बड़ा निर्णय कभी हुआ ही नहीं है। इसलिए दुनिया के अर्थशास्त्रियों के पास भी इसका लेखा-जोखा करने का मापदंड ही नहीं है। दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और अर्थशास्त्रियों के लिए यह बड़ी केस स्टडी बन सकता है।’

पीएम ने नोटबंदी पर बोलते हुए लगातार विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम ने कहा, ‘पहली बार देखने को मिला कि देश की जनशक्ति क्या कर सकती है। इस नोटबंदी के बाद समाजशास्त्री जरूर अध्ययन करेंगे कि पहली बार देश में हॉरिजेंटल डिवाइड उभर कर आया है। इसमें जनता का मिजाज एक तरफ और नेताओं का मिजाज एक तरफ।’ पीएम ने आरोप लगाया, ‘नेता जनता से कटे हुए हैं। हमें संतोष होना चाहिए कि आमतौर पर सरकार जब निर्णय करती है तो जनता-सरकार आमने सामने खड़ी होती थी। यह पहली बार हुआ कि कुछ लोग उधर थे लेकिन सरकार और जनता साथ थी। पीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि हो सकता है कि आपकी कठिनाइयां कुछ रही होंगी।

 

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