बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कंवीनर जफरयाब जिलानी ने कहा, कोर्ट हमें सीधे कहेगा तब बातचीत

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर कहा कि रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले दोनों पक्षों को बातचीत के आधार पर हल निकालना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट से बाहर बातचीत कर दोनों समुदाय के लोग मसले का हल ढूंढ लें. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरत होगी तो कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता करने को तैयार है. वहीं इस मामले में बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी का कहना है कि, अगर सुप्रीम कोर्ट कोई लिखित में कुछ कहता है, या हमें आदेश देता है कि आपको समझौते के लिए आना चाहिए तो हम जरूर जाएंगे. लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी इस केस में कुछ भी नहीं है. कोर्ट हमें सीधे कहेगा तो जाएंगे.

जिलानी ने कहा कि अगर सीजेआई हमें बातचीत के लिए बुलाते हैं तो हम जाएंगे. हमें उन पर विश्वास है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के बाहर समझौता मुश्किल है. इससे पहले भी 9 बार समझौते की कोशिशें विफल हो चुकी हैं.

बाबरी एक्शन समिति के संयोजक ने कहा कि हम समझौते की मेज पर नहीं जाएंगे. जब भी समझौते की बात होती है कि वीएचपी के लोग कहते हैं कि मस्जिद का दावा छोड़ दीजिए तो हम बातचीत क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते हैं अगल बगल मंदिर मस्जिद बना दो, इस पर उनका कहना है कि वीएचपी कहती है 84 कोसी परिक्रमा दायरे से बाहर मस्जिद बननी चाहिए. या फिर वे कहते हैं कि सरयू के पार मस्जिद बना लो. जिलानी ने कहा कि अगर दावा सरेंडर कर देंगे तो लड़ाई का मतलब क्या रह जाएगा.

जिलानी ने आगे कहा कि सवाल यह नहीं है कि मस्जिद छोड़ दें, सवाल यह है कि लोगों को ले जाकर मस्जिद गिरा दी गई. लोगों को बेइज्जत किया. सवाल यह है कि देश संविधान से चलेगा या आस्था से चलेगा.

बता दें कि इस मुद्दे पर देश के पांच प्रधानमंत्री राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह ने समझौते की कोशिश की. तांत्रिक चंद्रास्वामी, शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और पर्सनल ला बोर्ड अध्यक्ष अली मियां, मौजूदा अध्यक्ष राबे हसन नदवी औऱ पर्सनल ला बोर्ड उपा अध्यक्ष कल्मे सादिक, जस्टिस पालोक बसु आदि ने भी समझौते के प्रयास किए थे, लेकिन कुछ भी कामयाबी नहीं मिली.

जिलानी ने बताया कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय तय हुआ था कि मस्जिद के बाहर बने चबूतरे पर मंदिर बने, लेकिन वीएचपी तैयार नहीं हुई.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button