बीसीसीआई के विरोध के बावजूद ढांचागत बदलाव को स्वीकृति देगा आईसीसी बोर्ड

नई दिल्ली। बीसीसीआई के प्रतिनिधि विक्रम लिमये के कड़े विरोध के बावजूद आईसीसी बोर्ड के अधिकांश सदस्यों ने पुनर्गठित राजस्व वितरण मॉडल के पक्ष में मतदान किया। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार भारत को सिर्फ श्रीलंका से समर्थन मिला जबकि इस मामले को जब मतदान के लिए रखा गया तो जिम्बाब्वे अनुपस्थित रहा।

पाकिस्तान, न्यू जीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सभी ने राजस्व वितरण में बदलाव और संचालन ढांचे में बदलाव के पक्ष में मतदान किया। आईसीसी बोर्ड ने शनिवार को राजस्व मॉडल में बदलाव पर चर्चा की जिसमें भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को ‘बिग थ्री’ के रूप में राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलना था।

बिग थ्री मॉडल का टेस्ट खेलने वाले अन्य देशों के अलावा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने भी विरोध किया। लिमये ने दुबई से पीटीआई से कहा, ‘मैंने बोर्ड को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि मैं आधिकारिक बेस दस्तावेज का समर्थन नहीं कर सकता जो भरोसे और समानता पर आधारित है। सदस्यों और अध्यक्ष को सहानुभूति थी कि हमने अभी प्रभार संभाला है और मुझे दस्तावेज का अध्ययन करने के लिए समय चाहिए।’

लिमये ने कहा, ‘अध्यक्ष (शशांक) मनोहर ने कहा कि वह महीनों से इंतजार कर रहे हैं। इस मामले को मतदान के लिए रखा गया और मैंने इन बदलावों खिलाफ मतदान किया। बैठक की विस्तृत सूची में इसका जिक्र है। मेरे लिए यह बताना उचित नहीं होगा कि किसने पक्ष में मतदान किया।’ आईसीसी अप्रैल में बोर्ड बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित करेगा। बीसीसीआई को हालांकि इसके बावजूद 2000 करोड़ से अधिक राशि मिलने की उम्मीद है।

 

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